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आशीष मेहरोत्रा: ‘मेरा सबसे अच्छा बॉन्ड कृष्णा श्रॉफ, निमृत, अभिषेक और करणवीर के साथ बना’

नई दिल्ली: खतरों के खिलाड़ी सीजन 14 को देखने के लिए दर्शक बेहद उत्साहित है. बता दें, इस सीजन में कुल 14 प्रतियोगियों ने भाग लिया है। इसमें से एक टीवी के नंबर वन शो ‘अनुपमा’ से सबके दिलों में जगह बना चुके आषीश मेहरोत्रा, इस रियलिटी शो का हिस्सा बने है। इस शो को […]

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Aashish mehrotra
  • July 19, 2024 3:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

नई दिल्ली: खतरों के खिलाड़ी सीजन 14 को देखने के लिए दर्शक बेहद उत्साहित है. बता दें, इस सीजन में कुल 14 प्रतियोगियों ने भाग लिया है। इसमें से एक टीवी के नंबर वन शो ‘अनुपमा’ से सबके दिलों में जगह बना चुके आषीश मेहरोत्रा, इस रियलिटी शो का हिस्सा बने है। इस शो को हर बार की तरह एक्शन के किंग रोहित शेट्टी ही होस्ट कर रहे हैं, जिसे दर्शक 27 जुलाई 2024 को कलर्स टीवी पर दर्शक दे सकेंगे। वहीं इस बीच इन खबर ने एक्टर आषीश मेहरोत्रा से ख़ास बातचीत की है. चलिए जानते है खतरों में उनका सफ़र कैसा रहा.

खतरों करने के बाद लगता है कि अब आप कुछ भी कर सकते है? 

मैं जिस तरह से शो में गया था मुझे हर चीज़ से डर लगता था लेकिन शो से बाद मुझे ऐसा लगता है कि अब मैं सांपो से उतना ज्यादा नहीं डरूंगा जितना की मैं पहले डरता था।

ऐसा एक स्टंट जिसे देख कर आपको लगा हो आप आसानी से कर सकते है लेकिन उसे करना आपके लिए मुश्किल रहा हो?

एक स्टंट ऐसा था, जिसमें घोड़े थे और मैं उनके पीछे बंधा हुआ था। मुझे लगा था कि मैं आसानी से वो स्टंट कर लूंगा लेकिन घोड़ों ने मेरी बैंड बजा दी। मैं आपको दो ही चीज़ बता सकता हूं. उस स्टंट में घोड़े है और मैं हूं। कभी मैं घोड़ों के ऊपर हूं, कभी नीचे, कभी आगे हूं, कभी पीछे हूं। आपकों खतरों के खिलाड़ी देख कर पता चलेगा।

खतरों के खिलाड़ी में किन-किन के साथ आपकी दोस्ती देखने को मिलेगी?

मुझे खतरों की पूरी टीम से मुझे बहुत प्यार मिला है चाहें वो क्रू मेंबर्स हो या कंटेस्टेंट। अगर मैं नाम बताऊं तो मेरा सबसे अच्छा बॉन्ड बना कृष्णा, निमृत, अभिषेक और करणवीर के साथ, ये चार-पांच लोग मेरे लिए बहुत ख़ास हो गए थे।

रोहित शेट्टी से आप पहले भी शो ’इंडियाज़ नेक्स्ट सुपरस्टार’ में बतौर कंटेंटसेट मिल चुके है. वहीं अब खतरों के खिलाड़ी में भी आप उनसे मिले है। आपको 2018 के बाद अब एक मेंटर के रूप में उनमें क्या बदलाव देखने को मिले?

मैं सच बताऊं रोहित सर पहले जैसे थे अभी भी वैसे ही हैं। एक गाइड के तौर पर सर एक परफेक्ट जेंटलमैन है। यहीं कारण है कि मैं उनकी ओर अट्रैक्ट भी होता हूं। वहीं एक एक्टर के तौर पर ऐसा और ज्यादा हो जाता है क्योंकि वो एक डायरेक्टर भी है। मगर वो बहुत स्वीट है उनका व्यवहार काफी नम्र है। आपको वो पहले देखेंगे माचो और थोड़े रुड से लेकिन एक्चुअल में वो एक बच्चे जैसे है। वो काफी हंबल है और अक्सर मज़ाक करते रहते है। मुझे 6 साल बाद दुबारा उनके साथ काम करके काफी अच्छा लगा। उम्मीद है कि मुझे मौके ऐसे बार-बार मिलते रहें।

खतरों में आपको कितनी चोटे लगी? क्योंकि आपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपनी कुछ तस्वीरें शेयर भी की थी जिसमें आपके हाथ पर काफ़ी चोट लगी दिखाई दे रही थी।

मुझे बहुत चोटे लगी थी। सबसे पहले शुरू हुआ था घुटने से। एक स्टंट में मैं जल भी गया था लेकिन मुझे ऐसा लगा नहीं था कि मैं उसको क्या शेयर करू। मैंने जो हाथ की फ़ोटो शेयर की, वो इतना ज़्यादा एक्सट्रीम हो गया था कि मुझे लगा दुनिया को पता होना चाहिए कि खतरों में जाना मज़ाक नहीं है। वहां वाकई चोटे लगती है। वो चोट मुझे तब लगी जब खतरों की टीम ने मुझे पूरी तरह से पैड से कवर किया हुआ था। सोचों अगर सेफ्टी प्रिकॉशन नहीं होते तो मेरा क्या हाल होता।

आपकी ज़िंदगी में एक वक्त ऐसा आया था जब आप हार मान चुके थे लेकिन उस दौरान आपको अनुपमा मिला। इस बात को अपनाने में कितना समय लगा कि जिन्दगी में कुछ भी परमेंट नहीं है।

एक एक्टर होने के नाते ये चॉइस मैंने बहुत पहले ही ले ली थी कि कुछ भी परमेंट तो नहीं होगा। आज काम है कल नहीं होगा तो जब भी काम है, अगर काम 100 रुपए का है तो आप उसे 1000 रुपए की तरह करो। ऐसा इसलिए क्योंकि आज नहीं तो कल उसको कोई न कोई देखें, आपको याद करें और आपको दुबारा बुला ले। कल को सरकार बदल जाएं या मेरा सीनियर ऑफिसर बदल जाए और मेरी जॉब छीन जाएं। तो वो भी मेरे हाथ में नहीं होगा।एक्टर इस चॉइस को चुनते है क्योंकी उन्हें अपने पैशन से बहुत प्यार होता है। वहीं हर एक को ये मौका भी नहीं मिलता है कि वो एक ज़िंदगी में हज़ार ज़िंदगी जी ले।

अभी तक निभाएं किरदारों में से सबसे अच्छा किरदार कौन सा था, जहां आपको फैन्स का भरपूर प्यार मिला. इसके अलावा एक अभिनेता के तौर पर आपको आगे बढ़ने का मौका भी मिला हो?

मैं डेली सोप की बात करू तो अभी तक का बेस्ट कैरेक्टर शो ‘अनुपमा’ में तोषू का रहा। उसने मुझे बहुत सारे इमोशन्स दिए, उसी के साथ-साथ ऑडियंस का प्यार और नफ़रत भी दिया। एक एक्टर के तौर पर जिसने मुझे आगे बढ़ने में मदद की वो था ’इंडियाज़ नेक्स्ट सुपरस्टार’। मुझे जब-जब शो में परफॉर्म करने का मौका मिला एक एक्टर के तौर पर मेरा खुद पर यकीन ओर भी बढ़ाता चला गया। तो दोनों ही शो मेरे लिए बहुत अहम थे।

जो लोग अभी अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत कर रहे हैं उनसे क्या कहना चाहेंगे?

मुझे ऐसा लगता है कि इंस्पायर करना किसी एक व्यक्ति का कर्तव्य नहीं होता या कोई एक इंसीडेंट आपको इंस्पायर नहीं कर सकता है। इंस्पिरेशन आपको खुद से मिलती है। रोज़मर्रा की ज़िंदगी में वो छोटी-छोटी चीज़ें करना जिसे आप अक्सर कल या परसों पर ताल देते है। आपको जो बनना है अगर आप उसके लिए ईमानदार है तो वहां से आपको इंस्पिरेशन मिलती है। एक्टर का कोई पॉडकास्ट सुन लिया, पापा से चार बातें कर ली। ये चीज़ें आपको मोटिवेट ज़रूर करेंगी लेकिन आपको इंस्पायर आप खुद करोगें। इसलिए आपकी ज़िंदगी में कोई एक लक्ष्य होना बहुत ज़रूरी है।

 इस बार खतरों में कौन है जिसे सबसे ज्यादा डाट सुनने को मिलने वाली है?

शालीन भनोट। इसके बाद जिसको शो में डाट पड़ी है वो है उनके छोटे भाई…!

मुंबई में रहकर दिल्ली की कौन-कौन सी चीज़ें हैं जिन्हें आप याद करते है?

मेरे कुछ दोस्तों को और दिल्ली का खाना बहुत याद करता हूं। मैं चार दिन के लिए आया हूं तो मैं अपने दिन ऐसे प्लान करता हूं कि 13-14 रेस्टुरेंट मैं निपटा दूं।सबसे मैं ऐसी जगहों पर ही मिलता हूं जहां पर वो अच्छा खाना मिले।

दिल्ली में वो कौन से जगहें है जहां आप ज़रुर जाते है और क्या-क्या खाना पसंद करते है

दिल्ली में मुझे कमला नगर के छोले भटूरे, कचौरी छोले और आलू पूरी बहुत पसंद है। पहले दिन मैं एक-एक कर ये तीनों चीज़ें खाता हूं। मेरा दूसरा दिन शुरू होता है अशोक बिहार के छोले कुलचे से उसके बाद मैं राजौरी गार्डन में एक फेमस अप्पू लस्सी वाला उनके वहां जाकर लस्सी पीता हूं। ऐसे मेरे सारे दिन बटे हुए होते है। जब मैं चिकन खाया करता था तब एक डेरावल में जगह थी ’अशोक मीट वाला’ तो मैं वहां जाता था। जैसे कि मैं नॉर्थ दिल्ली से हूं तो अशोक बिहार में एक इन्विटेशन रेस्टोरेंट है तो मैं वहां बटर चिकन ज़रुर खाता था। अब डेढ़ साल हो गया है और मैंने चिकन पूरी तरह छोड़ दिया है।

जब आप खतरों में खिलाड़ी में जा रहे थे, आपकी मम्मी आपको लेकर आपकी डरी हुई थी। आप जब वापस आएं तो उन्हें कैसा लगा।

मेरी मां कमाल है। वैसे तो वो बहुत स्ट्रॉन्ग है लेकिन पहले तो वो बहुत डर गई। मेरे साथ उन्होंने खतरों के एपिसोड देखें। एपिसोड देखने के बाद वो काफ़ी घबरा गई कि नहीं करना है। तीन-चार दिनों के बाद उनसे मेरे दोस्तों ने बात की, मैंने बात की. फिर उन्होंने कहा ठीक है जाओ. मेरे जाने के बाद मम्मी इतनी चिंता करने लगी कि उन्हें होस्टिपल ले जाना पड़ा। मेरे जाने के बाद वो बेहोश हो गई थी और हॉस्टिपल में रहीं है जहां उनको दवाईयां दी गई। तो दोनों ही तरफ से मेरे जर्नी काफ़ी मज़ेदार रही हैं। मगर अभी वो पहले से बहुत ठीक है और धीरे-धीरे और भी ठीक हो जाएंगी।

इस बार खतरों में कौन सबसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग है और पिछले सीज़न में से आपको किनका परफॉर्मेंस सबसे ज्यादा अच्छा लगा था?

इस बार सारे कंटेस्टेंट बहुत ही स्ट्रांग है। सभी ने अबोट करने की बजाए स्टंट करने का ही सोचा है। जैसे कि पहले के सीज़न में मैंने देखा था कि चार-पांच कंटेस्टेंट ऐसे होते थे जो बहुत ज्यादा डर जाते थे और कहते थे कि उनसे नहीं होगा। इस बार ऐसा कोई नहीं है। हर स्टंट करने के लिए सभी ने एक दूसरे को और खुद को बहुत मोटिवेट किया है। पीछले सीज़न में जो भी जीते थे वो सब डिजर्विंग थे। जैसे कि डिनो जेम्स, पुनीत सब अच्छे खिलाड़ी थे। एक जगह मुझे लगा था जहां दिव्यांका त्रिपाठी को जितना चाहिए था लेकिन वहां पर वो जीती नहीं थी। वो अच्छी खिलाड़ी थी और मुझे लगा था कि दिव्यांका शो जीत जाती।

खतरों के बाद अब अगर आपको बिग बॉस से ऑफर आता है तो क्या आप जाना चाहेंगे?

बिग बॉस से मुझे ऑफर आता है या नहीं ये तो मुझे अभी नहीं पता लेकिन बिग बॉस एक बहुत बड़ा शो है। मैं इस बारे में ज़रुर सोचूंगा लेकिन अभी मैं ये नहीं जानता हूं कि मैं शो करुंगा या नहीं करुंगा।

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