गेरुआ रंग पर Arijit Singh बोले- सिर्फ रंग ही तो है इसपर इतना…

नई दिल्ली: अपनी आवाज़ से दुनिया भर में पहचान बनाने वाले अरिजीत सिंह एक बारे फिर पुराने विवाद को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. बता दें, महीने भर पहले ही उन्होंने कोलकाता में अपने एक कॉन्सर्ट को रद्द कर दिया था. इसकी वजह शाहरुख़ खान की फिल्म का गाना ‘ रंग दे तू मोहे गेरुआ’ था. […]

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गेरुआ रंग पर Arijit Singh बोले- सिर्फ रंग ही तो है इसपर इतना…

Riya Kumari

  • February 19, 2023 5:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: अपनी आवाज़ से दुनिया भर में पहचान बनाने वाले अरिजीत सिंह एक बारे फिर पुराने विवाद को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. बता दें, महीने भर पहले ही उन्होंने कोलकाता में अपने एक कॉन्सर्ट को रद्द कर दिया था. इसकी वजह शाहरुख़ खान की फिल्म का गाना ‘ रंग दे तू मोहे गेरुआ’ था. जब उन्होंने ये गाना कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गाया तो विवाद खड़ा हो गया था. अब इस पूरे विवाद को लेकर उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ दी है.

 

अरिजीत ने तोड़ी चुप्पी

अरिजीत सिंह की आवाज का जादू लोगों के दिल और दिमाग को छू जाता है. यही कारण है कि उनके लाइव कॉन्सर्ट को देखने या यूं कहे की सुनने के लिए लोग बेताब रहते हैं. कोलकाता में 18 फरवरी को हुए एक कॉन्सर्ट में उन्होंने परफॉर्म किया है. जहां अरिजीत ने महीने भर बाद 4 घंटे तक परफॉर्म किया. इस दौरान सिंगर ने पहली बार इस कॉन्ट्रोवर्सी पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने मीडिया से इस दौरान पूरे विवाद को लेकर बातचीत की और बताया कि रंग विवाद ने उन्हें कितना परेशान कर दिया था. उनके शब्दों में ”इतना विवाद सिर्फ एक रंग पर. गेरुआ रंग स्वामी विवेकानंद के सन्यासियों का है. अगर उन्होंने सफेद रंग का काम किया होता तो क्या सफेद रंग को लेकर भी कोई विवाद होता?”

टीएमसी का जवाब

उनके इस बयान पर टीएमसी एमएलए तापस रॉय ने कहा कि- ‘गेरुआ रंग पर कोई विवाद था ही नहीं. क्योंकि ये रंग हमारे तिरंगे का हिस्सा है और बीजेपी हमेशा ही हर चीज को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करती है.यह पार्टी पर निर्भर नहीं करता है कि किस इवेंट को शहर में परमिशन मिलेगी या नहीं. यह फैसला केवल प्रशासन करता है. और बीजेपी सिर्फ टीएमसी और ममता बनर्जी के खिलाफ बोलना चाहती है. मैं मानता हूं कि अरिजीत सिंह जैसे सिंगर किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से अलग हैं और उनका कमेंट हर राजनीतिक पार्टी के लिए है, ना कि किसी एक के लिए.’

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