Anurag Kashyap: 90 प्रतिशत फिल्मकार नारीवादी, आखिर अनुराग कश्यप ने क्यों कही ये बात

मुंबई: अनुराग कश्यप बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं में से एक हैं. उन्होंने अपनी फिल्मों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है. निर्देशन के अलावा अनुराग अक्सर अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. हालिया कार्यक्रम में अपनी टिप्पणियों के कारण वो एक बार फिर सुर्खियों में थे. बता दें […]

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Anurag Kashyap: 90 प्रतिशत फिल्मकार नारीवादी, आखिर अनुराग कश्यप ने क्यों कही ये बात

Shiwani Mishra

  • March 25, 2024 10:49 am Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

मुंबई: अनुराग कश्यप बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं में से एक हैं. उन्होंने अपनी फिल्मों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है. निर्देशन के अलावा अनुराग अक्सर अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. हालिया कार्यक्रम में अपनी टिप्पणियों के कारण वो एक बार फिर सुर्खियों में थे. बता दें कि कश्यप ने कार्यक्रम में कहा कि 90 प्रतिशत नारीवादी फिल्म निर्माता धोखेबाज हैं. साथ ही कोलकाता में एक कार्यक्रम में अनुराग कश्यप ने इंडस्ट्री की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से बात की और उन्होंने कहा कि फिल्मकार 2 तरह के होते हैं. कुछ लोग सिर्फ अपनी फिल्मों से पैसा कमाना चाहते हैं, अन्य लोग अवसरवादी होते हैं.

सिर्फ पैसा कमाना और लोकप्रिय बनाना उद्देश्यAnurag Kashyap believes Ram temple inauguration was an 'advertisement',  says fight is against 'fascism posturing as democracy' | Bollywood News -  The Indian Express

जब उनसे हाल के वर्षों में नारीवादी सिनेमा में पुरुषों के बढ़ते विषाक्त चित्रण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि प्रत्येक महिला निर्देशक को किसी भी फिल्म का निर्देशन करने का अधिकार होना चाहिए. केजीएफ और सालार के निर्माताओं का उदाहरण देते हुए, निर्देशक ने उन्हें ईमानदार और अवसरवादी लोग बताया जो स्पष्ट रूप से समझते हैं कि पैसा कैसे कमाना है और सफल फिल्में कैसे बनानी हैं. उन्होंने कहा कि ”मैं ज्यादातर फिल्म निर्माताओं को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं. केजीएफ और सालार जैसी फिल्मों के पीछे 2 तरह के लोग हैं, वो अवसरवादी और बहुत ईमानदार हैं, और वो सिर्फ पैसा कमाना और लोकप्रिय फिल्में बनाना चाहते हैं”.

90 प्रतिशत धोखेबाज हैं

“उसी समय फिल्म निर्माता जो नारीवादी, समाजवादी, क्रांतिकारी होने का दावा करते हैं… उनमें से 90 प्रतिशत धोखेबाज हैं. वो सभी ढोंगी हैं, और कई स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं पर नजर डालें जो पिछले कुछ वर्षों में एक साथ आए हैं, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि वे स्वतंत्र हैं, और फिल्म निर्माता सबसे खराब हैं क्योंकि वो एक-दूसरे को अपमानित करते हैं और अन्य फिल्म निर्माताओं के रास्ते में आते हैं. बता दें कि स्मार्ट लोगों और तथाकथित बेवकूफ लोगों के बीच क्या अंतर है? बेवकूफ लोग एकजुट होते हैं, और “स्मार्ट लोग एक-दूसरे को आज कल नीचे गिराने में व्यस्त हैं.

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