Andhadhun Movie Review: अंधाधुन की कहानी है एक ऐसे प्यानो ट्यूटर आकाश (आयुष्मान खुराना) की जो म्यूजिक की दुनियां का वड़ा अवॉर्ड जीतने के लिए फोकस होना चाहता है, इसके लिए वो अंधा होने की प्रेक्टिस करता है और अपनी सोसायटी या मिलने वालों के बीच उस नए शहर पुणे में एक ब्लाइंड म्यूजीशियन के तौर पर ही जाना जाता है.
फिल्म : अंधाधुन
स्टार: 3.5
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. Andhadhun Movie Review – अक्सर आप आम कहानियों से पक जाते हैं, या सुपर स्टार्स की सुपर हीरोइक इमेज वाली मूवीज से निराश होते हैं तो आपको कुछ अलग चाहिए होता है. अंधा-धुन उसी तरह की एक मूवी है, इसके डायरेक्टर श्रीराम राघवन हैं, जो बदलापुर, एजेंट विनोद, एक हसीना थी और जॉनी गद्दार जैसी थ्रिलर फिल्में बना चुके हैं. ये मूवी आपको इंटरवल के बाद भी उठने नहीं देगी, ये अलग बात है कि क्लाइमेक्स देखकर आप थोड़े कन्फ्यूज हो जाएं और शायद मजा भी आए, लेकिन फिर भी आपको टिकट के पैसे नहीं खलेंगे.
कहानी है एक ऐसे प्यानो ट्यूटर आकाश (आयुष्मान खुराना) की जो म्यूजिक की दुनियां का वड़ा अवॉर्ड जीतने के लिए फोकस होना चाहता है, इसके लिए वो अंधा होने की प्रेक्टिस करता है और अपनी सोसायटी या मिलने वालों के बीच उस नए शहर पुणे में एक ब्लाइंड म्यूजीशियन के तौर पर ही जाना जाता है. उसकी मुलाकात होती है बीते दौर के सुपरस्टार प्रमोद सिन्हा (अनिल धवन) से जो अपनी पुरानी फिल्में यूट्यूब पर देखने में मशगूल रहता है, एक बेटी बैंगलौर में पढ़ रही होती है. तब्बू उससे तीन साल पहले उसके पैसों के लिए उससे शादी कर लेती है, जो बड़ी टीवी स्टार बनना चाहती है, लेकिन उसका अफेयर लोकल पुलिस इंस्पेक्टर मानव विज से होता है. मैरिज एनीवर्सरी के दिन प्रमोद अपनी बीवी के सरप्राइज करने के लिए आकाश का म्यूजिक शो अपने घर पर रखता है, लेकिन आकाश जब पहुंचता है तो देखता है कि प्रमोद की लाश घर में पड़ी है खून से लथपथ.
आकाश चूंकि सबकी नजरों में अंधा है, इसलिए वो कुछ नहीं बोलता, मानव विज और तब्बू उसकी लाश को ठिकाने लगा देते हैं, लेकिन उनको आकाश पर शक हो जाता है. तब्बू ये पता कर लेती है कि वो अंधा वाकई में नहीं है, तो वो उसे सचमुच में अंधा कर देती है और बाद में उसे मारने की कोशिश भी होती है. ऐसे में एंट्री होती है किडनी निकालने वाले डॉक्टर जाकिर हुसैन की. फिल्म में राधिका आप्टे भी हैं, जो आकाश से वनसाइडेड लव करती हैं, लेकिन उसे लगता है कि वो तब्बू के प्रेम में गिरफ्तार है.
कॉम्पलेक्स कहानी है और काफी हैप्पनिंग भी, लेकिन सिचुएशनल कॉमेडी और थ्रिलर को अच्छे से फिल्माया है राघवन ने, कुछ सवाल भी उठते हैं कि लगता है हर कोई डायरेक्टर के इशारे पर नाच रहा है, कुछ घटनाएं बनावटी भी लगती हैं, फिर भी मजा आता है. ऐसे में क्लाइमेक्स कई लोगों को कन्फ्यूज भी कर सकता है और आप ताली भी बजा सकते हैं. दो गाने भी मूवी के अच्छे बन पड़े हैं. मानव विज, तब्बू और आयुष्मान ने एक्टिंग में काफी मेहनत की है, लेकिन ये डायरेक्टर, राइटर की फिल्म है. हालांकि फ्रांसीसी शॉर्ट फिल्म द प्यानो ट्यूटर से प्रेरित है। फिर भी पैसे वसूल तो है ही.
https://www.youtube.com/watch?v=FwbzKolTsZY