नई दिल्ली : आज अमिताभ बच्चन पूरे 80 साल के हो गए हैं और उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपना 52 साल का सफर पूरा कर लिया है. उनका ये सफर कई विवादों से घिरा रहा जिनमें से एक रेखा के साथ उनकी प्रेम कहानी है. हालांकि इस कहानी के बारे में ना तो रेखा, ना ही अमिताभ और ना ही जया बच्चन कुछ खुलकर कहा लेकिन इनकी कहानी को लेकर हजारों किस्से मशहूर हैं. आइए उन्हीं में से एक बारे में आज आपको बताते हैं जब अमिताभ बच्चन ने रेखा के ज़िक्र से ही मेहमानों के सामने पत्नी जया बच्चन को रिलीज़ कर दिया था.
भले ही अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंग मैन’ की संज्ञा दी जाती हो लेकिन उन्हें कम ही लोगों ने गुस्से में देखा होगा. इसके उलट जया बच्चन को अक्सर ही मीडिया या फैंस पर भड़कते हुए देखा जा सकता है. लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ था जब अमिताभ बच्चन ने अपना आपा ही खो दिया था और वह गुस्से में पत्नी जया पर बरस पड़े थे.
मशहूर जर्नलिस्ट करण थापर ने अपनी किताब Devil’s Advocate: The Untold Story में इस घटना का ज़िक्र किया है. साल 1992 में अमिताभ बच्चन का एक इंटरव्यू लिया गया था जो उनके घर प्रतीक्षा में हुआ. सब कुछ तब तक एकदम बढ़ियां चल रहा था जब तक अमिताभ बच्चन के अफेयर्स और उनके जीवन में आई महिलाओं की बात नहीं छिड़ी थी. हालांकि अमिताभ बच्चन इस दौरान शांत दिखाई दे रहे थे और गुस्से को मन में ही दबा कर बैठे थे. जब अमिताभ बच्चन से शादी के बाद भी किसी अभिनेत्री के साथ नाम जुड़ने पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका जवाब ‘ना, कभी नहीं’ कहकर दिया. इसके बाद अमिताभ बच्चन से रेखा का नाम लेकर सवाल जवाब किया गया. इस दौरान उनका गुस्सा सांतवे आसमान पर चढ़ गया.
इसी बीच जया बच्चन से भी सवाल किया गया कि क्या वह अपने पति पर विशवास करती हैं जिसका जवाब उन्होंने साफ़ दिया कि हां वह अपने पति पर विश्वास करती हैं. इसके बाद कमरे में अजीब सी शांति छा गई. ये शांति अमिताभ के गुस्से के गुबार के रूप में डाइनिंग टेबल पर जा पहुंची. दरअसल अमिताभ रेखा का नाम सुनकर काफी नाराज थे. जब सब मिलकर खाना खा रहे थे तब उनकी ये नाराज़गी किसी और पर नहीं बल्कि जया बच्चन पर जा गिरी.
खाने के दौरान जया बच्चन अमिताभ से चावल लेने के लिए पूछती हैं. जिसपर अमिताभ भड़क जाते हैं और गुस्से में कहते हैं, जब मैंने कभी ये खाए नहीं तो अब क्यों दे रही हैं? इसपर जया का जवाब आता है कि रोटियां आने में देर हो रही थी तो मैंने इसलिए पूछा. जिसके बाद अमिताभ फिर गुस्से में कहते हैं,’बस बंद करो। बंद करो। मैंने कहा कि मुझे चावल नहीं चाहिए। मैं रोटियों का इंतजार करने में खुश हूं। आपको समझ नहीं आता? आपके साथ समस्या क्या है? आप वह क्यों नहीं सुन सकतीं जो मैं कह रहा हूं?’ ये छोटी सी घटना मशहूर जर्नलिस्ट करण थापर की किताब में लिखी गई है जिसने सभी का ध्यान भी खींचा था.
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