टीवी सीरियल टीआरपी रेटिंग: पिछले तीन हफ्तों के शो की रेटिंग देखी जाए तो टॉप टेन शोज में ना तो बिग बॉस ही है और ना ही केबीसी. जिस केबीसी ने अमिताभ बच्चन को कर्जे से उबारा, कइयों को करोड़पति बनाया, जिसके लिए एक वक्त में पूरा देश फोन घुमाता रहता था, उसे आज लोग देखने को तैयार नहीं है. वही हाल बिग बॉस का है, कभी लोग शर्त लगाते थे कि कौन इस हफ्ते बाहर होगा या बिग बॉस कौन बनेगा, इस बार तो लोगों को अनूप जलोटा और जसलीन के अलावा बाकी सदस्यों के नाम शायद ही पता होंगे.
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. टीवी सीरियल टीआरपी रेटिंग: भारतीय दर्शक अब लगता है सालों से चल रहे पुराने शोज से पक चुके हैं, खासतौर पर केबीसी जैसे गेम शो और बिग बॉस जैसे रीयलिटी शो से. आलम ये है कि पिछले तीन हफ्तों के शो की रेटिंग देखी जाए तो टॉप टेन शोज में ना तो बिग बॉस ही है और ना ही केबीसी. जिस केबीसी ने अमिताभ बच्चन को कर्जे से उबारा, कइयों को करोड़पति बनाया, जिसके लिए एक वक्त में पूरा देश फोन घुमाता रहता था, उसे आज लोग देखने को तैयार नहीं है. वही हाल बिग बॉस का है, कभी लोग शर्त लगाते थे कि कौन इस हफ्ते बाहर होगा या बिग बॉस कौन बनेगा, इस बार तो लोगों को अनूप जलोटा और जसलीन के अलावा बाकी सदस्यों के नाम शायद ही पता होंगे. कम से कम टीआरपी के इशारे तो यही बयां कर रहे हैं.
ये आलम तो तब है जब अमिताभ बच्चन ने ऐलान कर दिया है कि बतौर होस्ट ये उनका आखिरी केबीसी होगा, सलमान खान भी कुछ ऐसा ही इशारा कर चुके हैं, बिग बॉस की लॉन्चिंग के लिए तो बाकायदा गोवा में इस बार शानदार सैट लगाया गया. फिर भी लोगों ने इन दोनों ही शोज में कोई खास इंटरेस्ट नहीं दिखाया है. शायद वो फॉरमेट में बदलाव चाहते हैं और कांट्रेक्ट के मुताबिक बहुत ज्यादा बदलाव होने मुमकिन नहीं है.
22 से 28 सितम्बर के बीच जो ताजा टीआरपी के आंकड़े हैं, वो बताते हैं कि देश के टॉप टेन एंटरटेनमेंट शोज में सबसे ज्यादा नागिन-3 देखा जाता है, जबकि कुमकुम भाग्य, कुंडली भाग्य, ये रिश्ता क्या कहलाता है, तारक मेहता का उलटा चश्मा, कुल्फी कुमार बाजेवाला, शक्ति-अस्तित्वके अहसास की और रब्बा वे जैसे शोज शामिल हैं. दिलचस्प बात है कि कुमकुम भाग्य और तारक मेहता का उलटा चश्मा जैसे शोज का रिपीट टेलीकास्ट भी टॉप टेन में शामिल है, लेकिन केबीसी या बिग बॉस नहीं. बिग बॉस 12 वीं पोजीशन पर है. इस हफ्ते की रेटिंग में केबीसी शहरी दर्शकों के लिए बनी टीआरपी लिस्ट मे जरुर सातवें नंबर पर हैं, लेकिन गांवों की जनता ने तो केबीसी और बिग बॉस दोनों को नकार दिया है.
इसी तरह अगर इससे पहले वासे हफ्ते की टीआरपी देखी जाए तो वही हाल है, टॉप टेन में ना केबीसी है और ना बिग बॉस. हालांकि शहरी दर्शकों की लिस्ट में बिग बॉस छठे नंबर पर है जो उसका पहला हफ्ता था, तो केबीसी 10वीं पोजीशन पर है. जबकि ग्रामीण दर्शकों के टॉप 10 की लिस्ट में दोनों ही अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे. सबसे दिलचस्प बात ये है कि अब तक ये माना जाता थी कि नाग नागिनों मैं केवल ग्रामीण दर्शकों की दिलचस्पी रहती होगी, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में टॉप टेन पर कई हफ्तों से नागिन-3 बना हुआ है और वो शहरी दर्शकों की वजह से है क्योंकि शहरी दर्शकों की अलग से बनी टॉप-10 की लिस्ट में वो कई हफ्तों से नंबर वन पर है, लेकिन ग्रामीण दर्शकों की पसंदीदा लिस्ट में वो टॉप फाइव में भी नहीं आ रहा है.
जो भी हो इतना तय हो गया है कि अब बड़े सितारों के होस्ट वाले शोज के दिन लद गए हैं, शायद इसलिए भी कि उनका फॉरमेट ज्यादा बदलना मुमकिन नहीं. हो सकता है कल को इन शोज के प्रोडयूसर नए स्टार्स के साथ इन शोज को लेकर आएं. जैसे कि केबीसी में शाहरुख और बिग ब़ॉस में शिल्पा, संजय दत्त आए थे। लेकिन लगता नहीं कि उससे कोई खास फायदा होगा.
https://www.youtube.com/watch?v=3EmTIAWRK8g
https://www.youtube.com/watch?v=55CZEMAkxgs
https://www.youtube.com/watch?v=mWJUUQ7lEdQ