मुंबई: वेब सीरीज और ओटीटी कॉन्टेंट पर बढ़ते मतभेदों के बीच सरकार ने ओटीटी पर सेंसरशिप लगाने की बात कही है. हालांकि अभिनेता मनोज बाजपेयी इस बात से सहमत नहीं हैं, और उन्होंने कहा कि ‘मैं यही उम्मीद करूंगा कि कोई सेंसरशिप नहीं लगे, मैं बैन किए जाने या किसी तरह की सेंसरशिप लगाए जाने के बिल्कुल खिलाफ हूं. बता दें कि देश का नागरिक होने के नाते मैं चाहता हूं कि क्रिएटिव लोगों को अपनी राय अपनी तरह से रखने की पूरी आजादी मिलनी चाहिए’.
अभिनेता मनोज बाजपेयी ने स्ट्रीमिंग सेवाओं पर बात करते हुए एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा भी किया है. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन सारे प्लेटफार्मों पर शुरू से ध्यान देना ,स्वतंत्र सिनेमा को बढ़ावा देने पर था, लेकिन अब कहीं-न-कहीं ये खो गया है. हालांकि अभिनेता ने कहा कि “स्वतंत्र सिनेमा आंदोलन जो शुरू हुआ था और जिसे ओटीटी प्लेटफार्मों से इस तरह का मार्गदर्शन मिल रहा था, वो अब खत्म-सा हो गया है, और ये एक बहुत दुखद विकास है.” दरअसल उन्होंने इस दिशा में पहले के प्रयासों की सराहना करते हुए नई आवाजों को आगे करने और उनके लिए मंच प्रदान करने की भी खूब प्रशंसा की है.
बता दें कि उन्होंने स्वतंत्र फिल्मों के सामने आने वाली चुनौतियों पर जोर देते हुए कहा है कि सुबह 9 बजे जैसे शो के लिए शेड्यूल करने से उनके लिए लोकप्रियता हासिल करना लगभग असंभव जैसा कार्य हो जाता है. हालांकि बाजपेयी ने मंचों से मेंटरशिप पहल को दोबारा लाने की दर्शकों से गुजारिश की है. मनोज बाजपेयी ने ये भी कहा है कि ओटीटी पर स्वतंत्र सामग्री लाने से बहुत सी चीजों में सुधार देखने को मिल सकता है.
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