नई दिल्ली: “मुझे नहीं लगता कि मैं थिएटर में लाइव एक्टिंग करने के विचार से कभी सहज हो पाऊंगा. लेकिन मैं लाइव गाना चाहता हूं!” ये कथन है एक्टर आदर्श गौरव के. ‘द व्हाइट टाइगर’ और ‘खो गए हम कहां’ जैसी फिल्मों में अपने शानदार एक्टिंग के लिए जाने जाने वाले एक्टर आदर्श गौरव आखिरकार […]
नई दिल्ली: “मुझे नहीं लगता कि मैं थिएटर में लाइव एक्टिंग करने के विचार से कभी सहज हो पाऊंगा. लेकिन मैं लाइव गाना चाहता हूं!” ये कथन है एक्टर आदर्श गौरव के. ‘द व्हाइट टाइगर’ और ‘खो गए हम कहां’ जैसी फिल्मों में अपने शानदार एक्टिंग के लिए जाने जाने वाले एक्टर आदर्श गौरव आखिरकार अपनी संगीत जड़ों की ओर लौट आए हैं.
बचपन से ही हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में ट्रैन्ड और किशोरावस्था में बैंड का हिस्सा रहे गौरव ने अब मुंबई स्थित पॉप आर्टिस्ट ओएएफएफ (OAFF) के सहयोग से अपना पहला सिंगल टाइटल सॉन्ग बेचैनी जारी किया है.
एक बातचीत में गौरव बताते हैं, “जब मैं गाना लिखना चाहता था तो मैंने अपनी डायरी में जो पहले दो शब्द लिखे थे, वे थे ‘बेचैनी’ और ‘जादू’, क्योंकि मूल रूप से बेचैनी में जादू था.” वह कहते हैं कि गीत के पीछे मुझे प्रेरणा तब मिली जब उन्हें “छह साल की उम्र में गहरा प्यार हो गया.”
एक्टिंग में अपनी सफलता के बावजूद, गौरव की जड़ें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में हैं और संगीत के प्रति उनका प्रेम गहरा है. भले ही एक बार किशोरावस्था में उन्हें शास्त्रीय संगीत अच्छा नहीं लगता था. वे कहते हैं, “जब मैं 16 साल का था तो मुझे नहीं लगता था कि शास्त्रीय संगीत अच्छा है. मैं इससे दूर दूसरी दिशा में भागना चाहता था, लेकिन अब मुझे समझ आया कि शास्त्रीय संगीत कितना अच्छा है.”
गौरव आगे कहते है कि, “मैं अपने गाने खुद गाना चाहता हूं, अपनी कहानी खुद बताना चाहता हूं. यह व्यक्तिगत होना चाहिए, अन्यथा मेरे लिए इसका कोई मतलब नहीं है.”अब देखना यह है कि गौरव अपने गाने और कहानी से कितना दर्शको पर असरदार साबित होंगे.