बॉलीवुड एक्टर सलमान खान काला हिरण केस में दोषी करार दिए जा चुके हैं. उनके लिए और उनकी फिल्मों के लिए आने वाला समय काफी मुश्किल भरा होगा. इरफान खान अपनी बीमारी के चलते वैसे ही मुश्किल में हैं.कामागाटामारू केस पर बनने वाली फिल्म ‘लॉयंस ऑफ द सी’. कामागाटा मारू भारतीय इतिहास की एक दर्दनाक कहानी है. इरफान के बाद सलमान के लिए भी अनलकी साबित हो रही है.
मुंबई. सलमान खान काला हिरण केस में दोषी करार दिए जा चुके हैं. उनके लिए और उनकी फिल्मों के लिए आने वाला समय काफी मुश्किल भरा होगा. इरफान खान अपनी बीमारी के चलते वैसे ही मुश्किल में हैं. ऐसे में दोनों का एक बड़ा प्रोजेक्ट फिर से अधर में आ गया है. 300 करोड़ का ये प्रोजेक्ट भारत और कनाडा का पहला ज्वॉइंट प्रोडक्ट
होता ये था कामागाटामारू केस पर बनने वाली फिल्म ‘लॉयंस ऑफ द सी’. कामागाटा मारू भारतीय इतिहास की एक दर्दनाक कहानी है, आप इसे भारत का टाइटेनिक समझ सकते हैं. 1914 की ये कहानी अब लगता है इरफान के बाद सलमान के लिए भी अनलकी साबित हो रही है. सलमान खान प्रोडक्शंस ने इस फिल्म में हीरो के तौर पर इरफान खान को साइन किया था, जिसे कनाडा के फर्स्ट टेक फिल्म्स के साथ मिलकर बनाया जाना था. फिल्म कनाडा के इतिहास से भी, खासकर वहां रहने वाले सिखों के भी दिल से जुड़ी है.
एक के बाद एक प्रोडक्शन हाउस ऐतिहासिक विषयों पर फिल्मों का ऐलान कर रहे हैं. रितिक की मोहनजोदाड़ों के पिटने के बाद भी उनके जोश में कमी नहीं आई है. ठग्स ऑफ हिंदुस्तान, पद्मावती और रंगून के साथ ही सलमान की एक नई ऐतिहासिक थीम वाली फिल्म का ऐलान हुआ था, ‘लॉयंस ऑफ द सी’. दरअसल कामागाटामारू एक जहाज का नाम था, इस जापानी जहाज को भारत के इतिहास में एक खास वजह से जाना जाता है. इस जहाज में 376 पंजाबियों ने कनाडा तक सफर किया, लेकिन उन्हें वहां उतरने से मना कर दिया गया और जब वो लौटकर आए तो कोलकाता के बजबज बंदरगाह पर पुलिस से झड़प के बाद हुई फायरिंग में 19 लोगों की मौत हो गई. ये 1914 की बात है, जब एक तरफ तो दुनियां पहले विश्व युद्ध के कगार पर खड़ी थी और दूसरे अमेरिका समेत कई देशों में भारत के क्रांतिकारी गदर क्रांति की तैयारियों में जुटे थे.
इस यात्रा की योजना बनाई सिंगापुर के एक व्यवसायी बाबा गुरदित सिंह ने, जिनका रोल करेंगे इरफान खान. गुरदित सिंह ने भारतीयों का एक ऐसा नेटवर्क तैयार करने की योजना बनाई जो विदेशों से भारतीय आजादी की लड़ाई को मदद दे सके. कुल 376 यात्री हांगकांग से उस स्टीम शिप में सवार हुए. उनमें 340 सिख, 24 मुसलमान और 12 हिंदू थे. उस वक्त तक काफी संख्या में सिख कनाडा में सैटल हो चुके थे, लेकिन 1908 में एक लॉ बनाकर कनाडा उन पर लगातार रोक लगा रहा था. कई सिख भारत से आए, कई सिंगापुर से आए, कई लोग शंघाई से शिप में सवार हुए. शंघाई और याकोहामा के रास्ते 23 मई 1914 को वेंकूवर के तट पर पहुंच गए लेकिन उन्हें 200 मीटर पहले रोक दिया गया और पूरे दो महीने तक उन्हें उतरने की अनुमति नहीं दी गई. कनाडा उन दिनों ब्रिटेश राज में ही शामिल था.
सोचिए दो महीने कोई जहाज बंदरगाह के पास खड़ा रहे और उतरने की इजाजत ना हो, और कुछ यात्रियों को उतारकर बाकी 352 को उसी जहाज से वापस जाने को कह दिया गया. हालात खराब थे क्योंकि लॉर्ड हॉर्डिंग पर हमले और वायली की हत्या के बाद ब्रिटिश सख्त हो चले थे, वापस हांगकांग जाना भी मुश्किल था. जहाज को कोलकाता की तरफ मोड़ दिया गया, 29 सितम्बर को जहाज कोलकाता पहुंचा. जहां ब्रिटिश अधिकारियों ने गुरदित सिंह आदि 20 को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन पुलिस से झड़प में 19 यात्री मारे गए. गुरुदित सिंह किसी तरह भागने में सफल रहे. करीब आठ साल तक पुलिस उन्हें नहीं पकड़ पाई, तब महात्मा गांधी ने उनसे सरेंडर की अपील की. बाबा को पांच साल के लिए जेल भेज दिया गया.
इधर अगले साल करतार सिंह सराभा, रास बिहारी बोस, विष्णु पिंगले और बाघा जतिन ने विदेशों में गदर नेताओं के सहयोग से गदर क्रांति करने की कोशिश की, लेकिन एक गद्दार की वजह से वो फेल हो गई। ऐसे में 1914 और 1915 काफी घटनाओं वाला साल भारत के लिए रहा है। 2014 में जब कामागाटामारू कांड के 100 साल हुए थे, तो कनाडा सरकार ने भारत से इस घटना के लिए माफी भी मांगी थी। ‘लायंस ऑफ द सी’ की शूटिंग 2018 के जून में शुरू होना तय हुई थी और हांगकांग, कनाडा और लंदन में इस फिल्म की शूटिंग की जानी है। उस दौर के बंदरगाह तैयार किए जाएंगे, इसके लिए एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है।
इस फिल्म में एयरलिफ्ट जैसी ही क्राइसिस दिखाई जाएगी कि कैसे अप्रैल से लेकर सितम्बर तक 376 लोग एक जहाज पर पूरी दुनियां में चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई किनारे पर उतरने की इजाजत नहीं दे रहा. फिल्म को अच्छे से बनाने की योजना अगर वाकई में परवान चढ़ती है तो सलमान खान प्रोडक्शन और इरफान खान के खाते में एक बड़ी सुपरहिट आनी तय थी. लेकिन अब लगता है ये पूरा प्रोजेक्ट ही अनलकी साबित हो रहा है. एक तरफ इरफान खान फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले ही एक अलग तरह के ट्यूमर से परेशान होकर हॉस्पिटल में एडमिट हैं, वहीं सलमान भी दोषी करार दिए जा चुके हैं.
फैसले से पहले सलमान खान ने जिम और स्विमिंग करने के अलावा परिवार वालों के साथ बिताया समय