मुंबई. देश में बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं के चलते नाराज लेखक अपने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा रहे हैं. वहीं बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने लेखकों पर हमला बोलते हुए कहा कि पुरस्कार लौटाना राजनीति से प्रेरित है. ऐसा करके लेखक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान कर रहे हैं.
यह तो पहली बार नहीं हो रहा है कि भारत में हिंसक घटनाएं हो रही हैं। लेखक पुरस्कार लौटाकर प्रधानमंत्री का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर उन्हें लौटाना ही है तो वे सबकुछ क्यों नहीं लौटा देते. उन्होंने आरोप लगाया कि वो लोग बर्दाशत नहीं कर पा रहे हैं कि एक चाय वाला देश का पीएम बन गया है.
उत्तर प्रदेश के दादरी में बीफ (गोमांस) खाने के आरोप में भीड़ ने एक मुस्लिम व्यक्ति मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. दादरी घटना और कर्नाटक में मशहूर लेखक कलबुर्गी की हत्या के चलते नयनतारा सहगल, सारा जोसेफ, उदय प्रकाश, अशोक वाजपेयी और अरविंद मालागुट्टी ने अपने पुरस्कार लौटा दिए थे. अनुपम खेर कहा, ‘अगर सुधींद्र कुलकर्णी के परिवार के साथ कोई दुर्व्यवहार करता तो क्या वे उसे अपने घर चाय पर बुलाते. गुलाम अली की बात अलग है, कसूरी तो पाकिस्तान के विदेश सचिव रह चुके हैं.
खेर ने कहा, ‘मुझे भी कई बार पाकिस्तान में अपने नाटक करने की अनुमति नहीं मिल पाई है. कई बार आवेदन करने पर भी मुझे वीज़ा नहीं मिला लेकिन ठीक है, मैं समझ सकता हूं.’अनुपम ने यह भी कहा कि क्योंकि मेरी पत्नी भाजपा में है इसलिए लोगों को लग रहा है कि मैं साहित्यकारों का विरोध कर रहा हूं लेकिन ऐसा नहीं है, यह मेरे निजी विचार हैं.
IANS
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