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राजेश खन्ना की इत्तेफाक से कैसे अलग होगी सोनाक्षी सिन्हा, सिद्धार्थ मल्होत्रा और अक्षय खन्ना की इत्तेफाक

नई दिल्ली. सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय खन्ना की फिल्म इत्तेफाक बड़े पर्दे पर धमाल मचाने को तैयार है. फिल्म इत्तेफाक 3 नवंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. नई इत्तेफाक साल 1969 में यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म इत्तेफाक की रीमेक है. पुरानी इत्तेफाक में राजेश खन्ना, नंदा और बिंदू मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म के ट्रेलर से पता चलता है कि ये फिल्म थ्रिलर और सस्पेंस से भरी होगी. फिल्म की कहानी मर्डर मिस्ट्री के इर्द-गिर्द घूमती नजर आएगी. ये फिल्म मर्डर केस के दो संदिग्ध और एक इन्वेस्टिंग ऑफिसर के इर्द-गिर्द घूमती है. फिल्म में थ्रिलर और सस्पेंस के जरिये दो मर्डर के मायाजाल को सुलझाने की कोशिश की जाती है.
अब 1969 वाली इत्तेफाक की नई इत्तेफाक एक बार फिर से दर्शकों को थ्रिलर और सस्पेंस से हैरान करने वाली है. बताया जा रहा है कि ये फिल्म पुरानी इत्तेफाक से काफी अलग होगी. हालांकि, दर्शकों के मन में ये सवाल जरूर होगा कि आखिर फिल्म के मेकर्स को 1969 की फिल्म की रीमेक करीब पांच दशक बाद बनाने की जरूरत क्यों पड़ी. इसके पीछे कारण ये समझ में आता है कि उल वक्त ये फिल्म काफी चर्चा में रही थी. इस फिल्म को दर्शकों को खूब प्यार मिला था. इस फिल्म को इस तरह से सजाया गया था कि अंत-अंत तक दर्शक भी नहीं समझ पाए कि आखिर दो मर्डर का असली कातिल कौन था. तो चलिए जब तक ये फिल्म रिलीज नहीं होती, तब तक हम इस 1969 वाली इत्तेफाक पर एक नजर डालते हैं. 1969 वाली इत्तेफाक एक पेंटर दिलीप रॉय के ईर्द-गिर्द है, जिसका किरदार राजेश खन्ना ने निभाया है. इस फिल्म में राजेश खन्ना को अपनी अमीर पत्नी का मर्डर करते हुए दिखाया गया है. फिल्म में राजेश खन्ना को अपनी पत्नी से ज्यादा शौक से मोहब्बत होती है.
फिल्म में राजेश खन्ना को अपनी ही पत्नी का मर्डर करते हुए दिखाया गया है. अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाने की वजह से परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर पुलिस दिलीप रॉय यानी कि राजेश खन्ना को गिरफ्तार कर लेती है. अभी एक हत्या का मामला सुलक्षा भी नहीं होता है कि एक और मौत हो जाती है और इस मर्डर के तार भी दिलीप यानी राजेश खन्ना से ही जुड़ते हैं. फिल्म पूरी तरह से इन दो मर्डर के मामलों को सुलझाने को लेकर केंद्रित है. क्या एक ही व्यक्ति ने दो लोगों की हत्या की है? या फिर ये दोनों मर्डर एक-दूसरे से बिलकुल अलग हैं? ये फिल्म पूरी तरह से इसी प्लॉट पर गढ़ी गई है.
1969 वाली इत्तेफाक करीब 95 मिनट की फिल्म है. इस फिल्म की कहानी का फ्लो ऐसा है कि एक भी गाने इस फिल्म में बकवास नहीं लगते हैं. मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए फिल्म को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है कि दर्शक पल भर के लिए भी बोरियत महसूस न करे और दर्शकों के मन में लगातार मर्डर को लेकर ये सवाल आते रहे कि आखिर इस मौत के पीछे कौन है और उसका इरादा क्या है. फिल्म इस तरह से आपके दिमाग को घूमाएगी कि आप अंत तक नहीं समझ पाते हैं कि आखिर वो संदिग्ध हैं कौन.
इस फिल्म का दूसरा मजेदार पहलू ये है कि ये फिल्म दर्शकों को सूचना भी देती है. ये फिल्म को आगे बढ़ाने में सहायक साबित होती है. जैसे कि दो कैरेक्टर के बीच की बातचीत आपको भले ही शुरू में मजाकिया लगे, मगर बाद में आपको इसकी गहराई के बारे में पता चलेगा. इस फिल्म में दिखाये गये प्रत्येक विजुअल शानदार हैं, जो दर्शकों के लिए पैसा वसूल साबित होती हैं. सभी कैरेक्टर के बीच के रिश्तों को काफी खूबसूरती से इस फिल्म में दिखाया गया है. हालांकि, मर्डर मिस्ट्री भी बैकग्राउंड में चलती रहती है. इस फिल्म की पटकथा जिस मजेदार तरीके से लिखी गई है उसी की वजह से दर्शक सिनेमाघरों से अपनी सीट से चिपके रहने को मजबूर हो जाते हैं.
फिल्म के बहुत सारे कैरेक्टर्स इस मर्डर मिस्ट्री से किसी न किसी तरह से जुड़े हुए नजर आते हैं. फिल्म में पुलिस इंस्पेक्टर से लेकर उस औरत का जो ये दावा करती है कि उसने एक मर्डर को होते देखा है सबका अहम योगदान है. ये फिल्म दर्शकों को किसी तरह से मुर्ख नहीं बनाती. इस फिल्म के हर पहलू पर काफी बारीकी से काम किया गया है. वास्तव में देखा जाए तो ये फिल्म दर्शकों के मन में फिल्म से उठने वाले सारे सवालों का जवाब देती है.
फिल्म में राजेश खन्ना के साथ-साथ नंदा, बिंदू और इफ्तेखर ने महत्वपूर्ण रोल अदा किया है. साथ ही इन कलाकारों ने अपने किरदार को काफी परफेक्शन के साथ निभाया है. इत्तेफाक यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित शुरुआती फिल्मों में से एक है. बता दें कि यश चोपड़ा को लव स्टोरीज और रोमांस वाली फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है. मगर इस बार डायरेक्टर अभय चोपड़ा की फिल्म इत्तेफाक को देखना दिलचस्प होगा. अब ये देखना होगा कि 1969 वाली इत्तेफाक से नई इत्तेफाक को थ्रिल और सस्पेंस से कितना अलग बनाया है और इसकी कहानी कैसे उससे अलग होती है. हालांकि, अगर इस फिल्म की बात करें तो थ्रिलर और सस्पेंस ही इस फिल्म की यूएसपी है.
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