मुंबई. धरती के जलवायु में बदलाव की वजह से क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग काफी जाने-पहचाने शब्द बन चुके हैं. बुंदेलखंड इलाके के सूखे को फोकस में रखकर जलवायु परिवर्तन के असर पर नीला माधब पांडा ने गंभीरता से एक फिल्म ‘कड़वी हवा’ बनाई है. संजय मिश्रा, रणवीर शौरी और तिलोतमा शोम की ‘कड़वी हवा’ 24 नवंबर को रिलीज हो रही है. मजबूत कहानी और दमदार एक्टिंग की वजह से 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के दौरान इस फिल्म की विशेष चर्चा हुई थी.
फिल्म में जलवायु परिवर्तन के दोहरे असर को उतारने की कोशिश की गई है. रणवीर शौरी उड़ीसा के रहने वाले हैं जिनके परिवार के लोग समुद्री तूफान और समुद्री जलस्तर बढ़ने की भेंट चढ़ गए. ट्रेलर में रणवीर शौरी बता रहे हैं कि कैसे उनका घर और गांव समंदर निगल गया और उनके पिता भी समंदर में समा गए. संजय मिश्रा ट्रेलर में रणवीर से कहते हैं कि हवा की तुम सब पर बड़ी कृपा है, हर तरफ पानी-पानी है. इस पर रणवीर कटाक्ष करते हैं कि कुछ ज्यादा ही कृपा है. जाहिर है ये कटाक्ष तूफान और समुद्री जलस्तर बढ़ने से गांवों के डूबने पर तंज है.
ट्रेलर में एक स्कूली क्लास का सीन शामिल किया गया है जिसमें टीचर बच्चों से मौसम के बारे में पूछ रहा है तो बच्चा बस गर्मी और सर्दी को मौसम के तौर पर बताता है. मास्टर पूछता है कि बरसता यानी मॉनसून कहां गया तो बच्चा जवाब देता है कि बरसात तो साल में दो-चार दिन ही होती है. संजय मिश्रा से बच्ची पूछती है कि उसकी किताब में तो साल में चार मौसम लिखे हैं तो स्कूल में लड़के ने दो मौसम ही क्यों बताया. संजय मिश्रा कहते हैं कि पहले होता था, अब नहीं होता है. बच्ची पूछती है काहे और ट्रेलर आगे घुस जाती है समस्याओं के अंदर.
फिल्म का ट्रेलर देखकर ही साफ है कि ये फिल्म एंटरटेन नहीं बल्कि एडुकेट करेगी. लोगों को बताएगी कि हमने धरती का क्या हाल कर लिया है और अब भी नहीं सुधरे तो आगे क्या-क्या बुरे और भयावह दिन देखने पड़ सकते हैं. फिल्म को दृश्यम फिल्म्स प्रोड्यूस कर रही है जिसने इससे पहले आंखों देखी, मसान, धनक और न्यूटन जैसी शानदार फिल्में बनाई हैं. कड़वी हवा के निर्देशक नीला माधब पांडा ने ‘आई एम कलाम’ से बॉलीवुड में कदम रखा था जिसे समीक्षकों ने काफी सराहा था.