राष्ट्रगान की बहस पर विद्या बालन का बड़ा बयान- सिनेमाघरों में नहीं बजने चाहिए राष्ट्रगान
राष्ट्रगान की बहस पर विद्या बालन का बड़ा बयान- सिनेमाघरों में नहीं बजने चाहिए राष्ट्रगान
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान पर मची घमासान थमने का नाम नहीं ले रही है. सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए या नहीं अब इस बहस पर बॉलीवुड के कई स्टार्स कूद पड़े हैं. बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने सिनेमाघरों में बजाए जाने वाले राष्ट्रगान पर अपना पक्ष सामने रखा है.
October 28, 2017 6:08 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
मुंबई: सिनेमाघरों में राष्ट्रगान पर मची घमासान थमने का नाम नहीं ले रही है. सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए या नहीं अब इस बहस पर बॉलीवुड के कई स्टार्स कूद पड़े हैं. बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन ने सिनेमाघरों में बजाए जाने वाले राष्ट्रगान पर अपना पक्ष सामने रखा है. विद्या बालन ने कहा कि सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान नहीं बजाया जाना चाहिए क्योंकि देशभक्ति थोपी नहीं जा सकती. बता दें कि विद्या बालन से पहले भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इस पर अपनी राय रखी है.
बॉलीवुड की बेगम जान विद्या बालन ने सिनेमाघरों में बजाए जाने वाले राष्ट्रगान पर अपनी राय रखते हुए कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि सिनेमाघरों में फिल्मों से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए. विद्या बालन ने आगे यह भी कहा कि यह कोई स्कूल नहीं जहां आप दिन की शुरुआत राष्ट्रगान से करते हैं.
विद्या बालन ने आगे कहा कि उनका मानना है कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान नहीं बजाया जाना चाहिए. विद्या ने कहा कि उन्हें अपने देश से बहुत प्यार है और वो इसकी रक्षा के लिए कुछ भी कर सकती हैं. बता दें कि गौतम गंभीर ने सिनामाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले बजाय जाने वाले राष्ट्रगान मुद्दे पर ट्विट करते हुए कहा है कि क्लब के बाहर खड़े होकर 20 मिनट इंतजार करना, अपने फेवरेट रेस्टोरोंट के बाहर खड़े होकर 30 मिनट तक इंतजार करना बेहद आसान होता है. लेकिन राष्ट्रगान के सम्मान में 52 सेकेंड खड़े होना मुश्किल होता है?’
Standin n waitin outsid a club:20 mins.Standin n waitin outsid favourite restaurant 30 mins.Standin for national anthem: 52 secs. Tough?
बता दें कि देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिनेमाघरों व अन्य स्थानों पर राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य हो या नहीं ये केन्द्र सरकार तय करे. क्योंकि हर चीज सुप्रीम कोर्ट पर नहीं थोपी जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ये भी देखना चाहिए कि सिनेमाघर में लोग मनोरंजन के लिए जाते हैं, ऐसे में देशभक्ति का क्या पैमाना हो, इसके लिए कोई रेखा तय होनी चाहिए.