मुंबई: बीजेपी के निशाने पर आ गई है तमिल एक्टर विजय की ताजा रिलीज फिल्म ‘मेरसल’, बीजेपी की तमिलनाडु इकाई ने कहा है कि अगर फिल्म में जीएसटी और डिजिटल इंडिया पर बोले गए डायलॉग्स को कट नहीं किया गया तो वो फिल्म को कहीं भी चलने नहीं देगी. इधर फिल्म के सपोर्ट में आ गए हैं साउथ के बड़े स्टार कमल हासन, जो हाल ही में राजनीति में उतरने का ऐलान कर चुके हैं और नोटबंदी पर पीएम मोदी की तारीफ वाले बयान को वापस लेकर ये इशारा कर चुके हैं कि उनकी राजनीति बीजेपी विरोधी होगी और इस फिल्म के सपोर्ट से उन्होंने अपनी फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का सपोर्ट करके दोहरा निशाना साधा है.
पहले जानिए आखिर मामला क्या है? दरअसल बीजेपी को लगता है कि विजय की इस तमिल फिल्म ‘मेरसल’ में सीधे सीधे पीएम मोदी की दो फ्लैगशिप योजनाओं का मजाक उड़ाया गया है. एक सीन में विजय अपनी खाली जेबें और खाली पर्स दिखाकर डिजिटल इंडिया को धन्यवाद देते हैं और कहते हैं कि, ‘’भारत में केवल डिजिटल मनी है, किसी की जेब में पैसे नहीं लेकिन लम्बी लम्बी लाइनें हैं.‘’ यहां तक तो शायद बीजेपी को इतना ऐतराज नहीं होता, क्लाइमेक्स में विजय ने जीएसटी पर धावा बोल दिया है. फिल्म में विजय का डायलॉग है कि, ‘’28 परसेंट जीएसटी लेने के बावजूद सरकार सिंगापुर की तरह फ्री मेडिकल ट्रीटमेंट भी नहीं दे पाती, जबकि वहां केवल 7 परसेंट जीएसटी लिया जाता है’’. विजय यहां रुकता नहीं आगे कहता है, ‘’जीवन रक्षक दवाइयों पर भी 12 परसेंट जीएसटी लिया जाता है, जबकि शराब पर बिलकुल जीएसटी नहीं है’’. इतना ही नहीं विजय का एक और डायलॉग बीजेपी की कमजोर नस पर हथौड़ा मारता है, वो डायलॉग है- ‘’इस देश को मंदिरों से ज्यादा हॉस्पिटल्स की जरूरत है’’.
जैसे ही फिल्म रिलीज हुई, बीजेपी को इन डायलॉग्स के बारे में खबर हुई, बीजेपी की स्टेट प्रेसीडेंट सी सौन्दर्यराजन ने कड़ा ऐतराज जताया और फिल्म से ये डायलग्स एडिट करने की मांग की है. बीजेपी का कहना है फिल्म में जो सवाल उठाए गए हैं, वो गलत इनफॉरमेशन और डाटा के आधार पर उठाए गए हैं. इससे लोगों के बीच में जीएसटी को लेकर गलत सूचना जा रही है. बीजेपी के मुताबिक सिंगापुर में जीएसटी 1994 है, और वहां हर व्यक्ति अपनी आमदनी से 8 से 10.50 परसेंट जीएसटी तो देता ही है, मेडिकल खर्चों पर भी उन्हें 7 परसेंट जीएसटी देनी पड़ती है. ऐसे में ये कहना कि मेडिकल उपचार सिंगापुर में फ्री है, बिलकुल गलत है. बीजेपी को मंदिर वाले डायलॉग पर भी ऐतराज है, बीजेपी ने डाटा जारी करते हुए बताया है कि पिछले 20 सालों में तमिलनाडु में 17,500 चर्च बनाए गए, 9700 मस्जिदें बनाई गईं और इनके मुकाबले मंदिर केवल 370 बने हैं, तो केवल मंदिर ही क्यों निशाने पर लिए गए? बीजेपी का कहना है कि पॉलटिकल मकसद से बनाई गई है फिल्म, इसलिए गलत फैक्ट्स और डाटा का सहारा लिया गया है.
फिल्म निर्माताओं को सबसे बड़ा सहारा मिला कमल हासन की तरफ से. अपनी राजनीतिक बिसात बुन रहे कमल हासन ने विजय की फिल्म को खुलकर सपोर्ट किया है, ट्वीट करते हुए कमल हासन ने लिखा है कि, ‘’Don’t silence critics. India will shine when it speaks. Mersal was certified. Don’t re-censor it. Counter criticism with logical response,” . कमल हासन की ट्वीट पर मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट करके लिखा है, ‘’ Agree! Let’s fix the problems with GST instead of re-censoring a movie..’’.
कमल हासन का साफ कहना है कि फिल्म एक बार सेंसर सर्टिफिकेट पा चुकी है, तो दोबारा से उसको सेंसर नहीं करना चाहिए. आलोचकों का मुंह बंद मत करो, भारत जब बोलेगा तभी तो चमकेगा. आलोचना को तर्कपूर्ण उत्तरों से जवाब दीजिए. हालांकि इस पूरे विवाद में फिल्म प्रोडयूसर या डायरेक्टर ही नहीं हीरो विजय भी खामोश हैं. खबर तो आ रही है कि फिल्म प्रोडयूसर फिल्म में कुछ कट लगाने को तैयार हैं, लेकिन अब कोई खास फायदा बीजेपी को मिलने वाला नहीं क्योंकि पूरी की पूरी फिल्म और सारे विवादित डायलॉग्स तो सोशल मीडिया पर आ ही चुके हैं. ऐसे में जो भी फायदा होना है वो इस फिल्म को ही होना है, विवाद से ही सही पब्लिसिटी तो पूरी मिल रही है.