‘गोलमाल अगेन’ फिल्म रिव्यू: हॉरर के साथ हंसाने में नंबर वन, रोहित शेट्टी के खाते में एक और हिट
गोलमाल या झोलझाल, कुछ भी कहें. अगर त्यौहार के सीजन में कुछ देर अच्छा टाइमपास करना चाहते हैं, तो आप ये मूवी देख सकते हैं. इस फिल्म को देखकर आपको लगेगा कि ये गोलमाल सीरीज कभी खत्म नहीं होने वाली है. पहले ही डायरेक्टर ने ट्रेलर और पोस्टर्स में लिख दिया था कि नो लॉजिक सिर्फ मैजिक. तो जो फिल्म के गॉड यानी डायरेक्टर की मर्जी है, वही होगा. फिल्म को वाउ या जबरदस्त या ऐसा कुछ नहीं लिख सकते, लेकिन अगर आप गोलमाल सीरीज देखते हैं आए हैं, तो फिर से एक बार एंटरटेनमेंट के लिए देख लें.
October 20, 2017 5:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. गोलमाल या झोलझाल, कुछ भी कहें. अगर त्यौहार के सीजन में कुछ देर अच्छा टाइमपास करना चाहते हैं, तो आप ये मूवी देख सकते हैं. इस फिल्म को देखकर आपको लगेगा कि ये गोलमाल सीरीज कभी खत्म नहीं होने वाली है. पहले ही डायरेक्टर ने ट्रेलर और पोस्टर्स में लिख दिया था कि नो लॉजिक सिर्फ मैजिक. तो जो फिल्म के गॉड यानी डायरेक्टर की मर्जी है, वही होगा. फिल्म को वाउ या जबरदस्त या ऐसा कुछ नहीं लिख सकते, लेकिन अगर आप गोलमाल सीरीज देखते हैं आए हैं, तो फिर से एक बार एंटरटेनमेंट के लिए देख लें.
वही पांच दोस्त हैं, जिनसे दो ग्रुप हैं, दो लक्ष्मण, हर उठी उंगली तोड़ने वाला एक गुस्सेबाज गोपाल, एक गूंगा लकी, एक अस्पष्ट बोलने वाला लक्ष्मण और गोपाल को टक्कर देने वाला माधव, साथ में एक लड़की. इस बार कहानी गोवा से ऊटी पहुंचा दी गई है. फिल्म में जो बड़ा फेरबदल है वो ये कि फिल्म भूतों पर बनी है. दूसरा बड़ा सरप्राइज है विलेन के रोल में नील नितिन मुकेश. कहानी थोड़ा फ्लैशबैक में जाती है. पांचों जिस अनाथालय में पले हैं, उसको कोई कब्जाना चाहता है. उसके मालिक और उनकी एक साथी की हत्या कर दी जाती है. लड़की परिणीति चोपड़ा मरकर भूत बन जाती है. जिसका साथ देती है भूतों को देखने की शक्ति वाली लाइब्रेरियन तब्बू. सो भूतों को लेकर काफी फन किया गया है, तब्बू, प्रकाश राज, जॉनी लीवर, परिणीति चोपड़ा औऱ नील नितिन मुकेश जैसे कुछ नए किरदार जोड़कर एक बार फिर से वही मस्ती भरी कहानी गढ़ी गई है.
फिल्म में सिचुएशनल कॉमेडी को अच्छे से पहले की तरह ही गढ़ा गया है. डायलॉग्स भी चुटीले हैं. कुछ कॉमेडी सींस रिपीटेटिव लगते हैं. पहले से मूवी बेहतर नहीं है. उस पर एक बड़ी कमी है फिल्म में अच्छे गानों की. गोलमाल-गोलमाल गाने को फिर से नई और पुरानी धुन के रीमिक्स और नई लाइनों के साथ फिल्माया गया है. वही एक सुनने देखने लायक लगता है, बाकी कोई भी गाना होठों पर नहीं चढ़ता. हालांकि, एक एक्सपेंरीमेंट ये किया गया कि नाना पाटेकर को भी फिल्म में शामिल किया गया है लेकिन भूत की आवाज के तौर पर.
वो भूत जब भी किसी के ऊपर चढ़ता है नाना पाटेकर की आवाज में बोलने लगता है. फिल्म में एक फालतू के सीन में नाना की भी एंट्री दी गई है. ढेर सारी चीजें इल्लोजिकल हैं. जिससे रोहित शेट्टी पहले ही लॉजिक नहीं मैजिक कह कर बच चुके हैं. कुल मिलाकर लोग त्योहारी सीजन में इस मूवी को देखने जाएंगे ही. टाइमपास करने के लिए ठीक-ठाक फिल्म है, बच्चों को पसंद आएगी. ऐसे में इन सभी एक्टर्स और रोहित शेट्टी के खाते में एक और हिट चढ़ ही जाएगी.