नई दिल्ली. जहां अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन एक सपने में अपने पिता को देखकर ये मानते थे कि अमिताभ अपने दादा के पुर्नजन्म हैं, वहीं अमिताभ ने भी एक बार अपने ब्लॉग में एक ऐसे सपने का जिक्र किया था, जो कि सच हो गया था. लेकिन वो सपना उन्होंने नहीं, बल्कि स्मिता पाटिल ने देखा था. हालांकि ये सपना अच्छा नहीं बल्कि एक बुरा सपना था. ये सपना था उनके कुली एक्सीडेंट का, जी हां ये सच है कि स्मिता पाटिल ने इसके बारे में अमिताभ को कुली एक्सीडेंट से ठीक पहले फोन करके बताया भी था.
दरअसल, ये बात ‘कुली’ एक्सीडेंट से ठीक पहले की रात की है. अमिताभ बच्चन कुली की शूंटिग बंगलुरु में कर रहे थे. बंगलुरु में ये शूटिंग इसलिए हो रही थी क्योंकि मुंबई में उनको रेलवे स्टेशन पर शूट की परमिशन नहीं मिल पा रही थी, लेकिन बंगलुरु में उन्हें एक स्टेशन पर पूरा प्लेटफॉर्म कई दिनों के लिए मिल गया था. अमिताभ वहीं, एक होटल में रुके हुए थे. रात के दो बजे की बात है कि रिसेप्शन से फोन आया कि स्मिता पाटिल आपसे अभी बात करना चाहती हैं. स्मिता पाटिल का ऐसे वक्त फोन अमिताभ के लिए हैरतअंगेज था. आम तौर पर स्मिता पाटिल इस तरह की हीरोइन नहीं थी, वो अमिताभ के साथ शक्ति और नमक हराम में काम कर चुकी थीं, लेकिन वो कभी भी फोन वहैरह नहीं करती थीं और किसी का फोन होता तो शायद अमिताभ रिसीव ही ना करते.
उन्हें लगा कि जरूर कोई सीरियस बात होगी, वरना स्मिता उन्हें इतनी देर रात फोन ना करतीं. बिग बी ने कॉल ट्रांसफर के लिए हां कर दी, लाइन पर आते ही स्मिता ने पूछा कि तुम ठीक हो, कुछ हुआ तो नहीं? जब बच्चन ने बता दिया कि वो बिलकुल ठीक हैं, आराम कर रहे हैं, कुछ नहीं हुआ है. तब स्मिता पाटिल ने राहत की सांस ली और कहा कि मैंने सपने में देखा कि आप एक बुरे हादसे का शिकार हो गए हो, सो मुझे चिंता होने लगी. अमिताभ ने स्मिता को समझा दिया और फिर दोनों ही सो गए. लेकिन अमिताभ को भान भी नहीं हुआ कि स्मिता का फोन किसी बड़े खतरे की वार्निंग थी.
अगले ही दिन जया और अभिषेक, श्वेता भी बंगलुरु आ गए थे. अमिताभ ने प्लेटफॉर्म पर कुछ एक्शन सीन किए, फिर ओवरब्रिज से चलती ट्रेन की छत पर छलांग लगाई, वो भी ठीक से हो गया. फिर बच्चन ने चलती ट्रेन की खिड़की में प्लेटफॉर्म से छलांग लगाई, वो भी ठीक से निपट गया. अगला सीक्वेंस बंगलुरु यूनिवर्सिटी के कैम्पस में था. अमिताभ के शब्दों में, वहां तो कोई बड़ा एक्शन सीन था ही नहीं, एक पंच मेरे पेट में पड़ना था और मुझे मेज पर गिर जाना था. लेकिन वही भारी पड़ गया.
पुनीत इस्सर ने अमिताभ को पंच मारा और मेच का कोना अमिताभ के पेट में घुस गया. अमिताभ बुरी तरह घायल हो गए. उसके बाद तो जो हुआ, वो पूरे देश ने देखा. नई पीढ़ी को भी पता ही है कि अमिताभ को बंगलुरु से ब्रीच कैंडी शिफ्ट किया गया. उनके लिए करोड़ों लोगों ने दुआएं कीं. किसी तरह अमिताभ मौत के मुंह से वापस आए. लेकिन अमिताभ वो वाकया भूले नहीं कि कैसे ठीक एक रात पहले स्मिता पाटिल ने उन्हें फोन करके बड़ी अनहोनी के प्रति आगाह किया था. तभी उस घटना के ठीक 27 साल बाद अमिताभ ने स्मिता पाटिल के फोन वाली बात अपने ब्लॉग में भी शेयर की. आप उस ब्लॉग को इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं- http://srbachchan.tumblr.com/post/25089103363
…तभी वो आज तक सपने वाली बात को याद करते हैं.
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