नई दिल्ली. जब सोशल मीडिया पर ट्रोल्स से निपटने की बात आती है तो अक्रामकता की तुलना में मर्यादा में बहुत ज्यादा शक्ति होती है. इस बात को साबित कर दिया है मशहूर डिजाइनर और दिग्गज अभिनेत्री नीना गुप्ता की बेटी मसाबा ने. दरअसल, 28 साल की मसाबा हाल ही में दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक के फैसले के पक्ष में अपना समर्थन दिया था, जिसकी वजह से उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया.
सोशल मीडिया पर जैसे ही उन्होंने पटाखों पर बैन के पक्ष में अपना सपोर्टिव स्टैंड लिया, वैसे ही सोशल मीडिया पर ट्रोलबाज इन्हें ट्रोल करने लगे. इन्हें गंदी-गंदी मैसेजेज से ट्रोल किया गया, इन्हें खूब गालियां दी गईं. बावजूद इसके बासबा ने ट्रोलर को उनके ही अंदाज में जवाब देने से बेहतर मर्यादा से जवाब देना समझा. उन्होंने ट्रोलरों का अपनी समझदारी से परिचय दिया.
11 अक्टूबर को पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मसाबा ने खुशी जाहिर की थी और एनडीटीवी की पत्रकार निधि राजदान के ट्वीट को रीट्वीट किया था. रीट्वीट करते हुए उन्होंने कैप्शन लिखा था- यस.
इसके तुरंत बाद ही ट्रोलर मसाबा की ट्वीट पर टूट पड़ें और लगें उन्हें ट्रोल करने. उन्हें लोगों ने बुरी तरह से गालियां दीं. इस ट्वीट से आप एक नमूना देख सकते हैं. इस ट्वीट में कहा गया है कि- मासबा अपने अपने पिता के पास जाओ. ताकि तुम दिवाली से दूर रह सको और पर्यावरण को बचाने के लिए एसी का इस्तेमाल करना बंद करो. अग्रिम धन्यवाद.
मसाबा ने हाल ही में ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें उन्होंने इन सभी लोगों के मुंह पर करारा तमाचा मारा है. मसाबा ने लिखा कि जब भी कोई उन्हें ‘नाजायज’ कहता है, उन्हें बहुत गर्व होता है. उन्होंने शानदार ट्वीट किया है और अपने इसी ट्वीट के जरिये ट्रोल्स की बोलती बंद कर दी हैं. आप इस ट्वीट को खुद पढ़ सकते हैं और समझ सकते हैं कि कितनी शालीनता के साथ ट्रोल्स को चुप कराया है.
मसाबा ने अपने लेटर में लिखा कि ‘हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करने और देश के अन्य मुद्दों की तरह चाहे वह छोटे या बड़े हो उनका समर्थन करने के लिए मुझे री-ट्वीट किया गया. ट्रोलिंग करने और भला-बुरा कहने का सिलसिला शुरू हो गया.’ उन्होंने लिखा, ‘मुझे ‘नाजायज वेस्ट इंडियन’ कह कर गाली देने से मेरा सीना सिर्फ गर्व से फूलता है. मैं दो सबसे वैध व्यक्तित्वों की अवैध संतान हूं और मैंने निजी तौर पर और पेशेवर तौर पर भी अपने जीवन को सबसे अच्छा बनाया है.’
मसाबा ने कहा कि 10 साल की उम्र से वह यह सब सुनते आ रही हैं, और उन्हें इसकी आदत हो गई है. मसाबा ने यह भी कहा कि उन्हें अपनी जड़ों पर गर्व है. उन्होंने अपने इस लेटर में लिखा, ‘..इसलिए, कृपया आगे बढ़िए और अगर इससे आपको अच्छा महसूस होता है मुझे भला-बुरा कहते रहिए, लेकिन इतना जान लें कि मुझे एक भारतीय-कैरेबियाई महिला होने पर गर्व है.’
हालांकि, इस ट्वीट के बाद लेखक चेतन भगत ने मसाबा को कुछ सलाह दी और ये बताया कि कैसे ट्रोल्स को संभालना है. बता दें कि मासबा नीना गुप्ता और दिग्गज क्रिकेट विविनय रिचर्ड की बेटी हैं.
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