नई दिल्ली. बॉलीवुड के शहंशाह और सदी के महानायक 11 अक्टूबर को 75 साल के हो जाएंगे. अमिताभ बच्चन के 75वें बर्थडे पर हम आपको उनकी जीवन से जुड़ी ऐसी कहानियां बता रहे हैं, जो शायद ही किसी ने पढ़ी या सुनी हो. इतने लंबे फिल्मी करियर में अमिताभ ने हर तरह का दौर देखा, मगर उनकी अथक लगन और परिश्रम की वजह से सफलता उनसे दूर नहीं रह पाई और आज बिग बी सदी के महानायक बन कर बॉलीवुड की शोभा बढ़ा रहे हैं. 75 के महानायक सीरीज में हम आपको अमिताभ बच्चन से जुड़ी कहानियों का पार्ट टू लेकर आए हैं. इस पार्ट में उनसे जुड़ी ऐसी-ऐसी अनकही और अनसुनी कहानियां हैं, जिनसे अब तक उनके फैन्स या फिर दर्शक महरूम हैं. तो चलिये आज कहानियों की दूसरी किस्त में जानते हैं और कुछ दिलचस्प कहानियों के संग्रह को. बता दें कि इससे पहले के पार्ट में हम आपको 5 कहानियां बता चुके हैं. अब पेश है दूसरी किस्त.
6. जया और अमिताभ के अमिया प्रोडक्शन की कहानी
बहुत कम लोगों को पता होगा कि एक बार अमिताभ बच्चन और जया बच्चन दोनों ने मिलकर एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी बना ली थी. आप सोचेंगे कि हम एबीसीएल यानि अमिताभ बच्चन प्राइवेट लिमिटेड की बात कर रहे हैं, ये तो वो कंपनी थी, जिसके टाइटल में दोनों का नाम था. इस फिल्म प्रोडक्शन कंपनी का नाम था अमिया (AMIYA) प्रोडक्शंस यानी अमिताभ का AMI और जया का YA मिलकर बन गया AMIYA. लेकिन चुनिंदा लोगों को पता था कि ये कंपनी उनकी है. इसी कंपनी ने प्रोडयूस की थी उनकी मशहूर फिल्म ‘अभिमान’.
दरअसल दोनों शादी करने का मूड बना चुके थे और इस फिल्म की रिलीज से ठीक पहले उन्होंने शादी कर भी ली थी. शादी 3 जून 1973 को हुई थी और अगले महीने यानी 27 जुलाई को उनकी फिल्म ‘अभिमान’ रिलीज हुई थी. चूंकि फिल्म शादी के बाद दो गायकों के बदलते रिश्तों पर आधारित थी, तो उन्हें लगता था कि शादी के बाद रिलीज होने पर लोग उनकी जिंदगी से जोड़कर ही इस फिल्म को देखेंगे. इसके लिए उन्होंने साइन किया दोनों के फेवरेट डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी को और प्रोडयूसर्स के तौर पर फिल्म में नाम गए दोनों के सेक्रेटरीज सुशीला कामथ और पवन कुमार जैन के. दिलचस्प बात तो ये है कि इसी साल अमिताभ बच्चन ने बयान दिया है कि उनको पता नहीं कि इस फिल्म के राइट्स किसके पास हैं.
7. 6 लेखकों ने मिलकर लिखी ‘अभिमान’ की कहानी
माना जाता है कि अमिताभ और जया फिल्म अभिमान को लेकर काफी एक्साइटेड थे. कई लेखकों ने इस फिल्म की कहानी में अपना दिमाग लगाया. कुल 6 लोग थे जिनमें राजेन्द्र सिंह बेदी, ब्रजेश चटर्जी नवेन्दु घोष, मोहन एन सिप्पी, बीरेन त्रिपाठी और खुद ऋषिकेश मुखर्जी शामिल थे. जहां पहले फिल्म का नाम ‘राग रागिनी’ था तो वो भी बदलकर ‘अभिमान’ कर दिया गया, ताकि कहीं से भी फिल्म म्यूजिक बेस्ड ना लगे बल्कि सेलेब्रिटी पति-पत्नी के बीच अहम की लड़ाई की तरह दिखे.
आम तौर पर माना जाता है कि फिल्म किशोर कुमार और उनकी पहली गायक बीवी रूमा के रिश्तों पर आधारित थी. इस फिल्म के लिए ऋषिकेश मुखर्जी ने तय कर लिया था कि कहीं से भी मेल सुपरीयोरिटी नहीं झलकनी चाहिए. इसलिए जया की आवाज के लिए जहां उन्होंने लता मंगेशकर को साइन किया तो अमिताभ की आवाज के लिए किशोर कुमार को साइन किया. वो चाहते तो मन्ना डे और रफी को ले सकते थे.
8. जब शम्मी कपूर से अमिताभ ने उधार मांगी धुन
अभिमान की तरह ही अमिताभ बच्चन को सिलसिला फिल्म भी अपनी जैसी ही कहानी लगती थी. इसलिए कहानी और किरदारों ही नहीं, बल्कि अमिताभ बच्चन ने फिल्म के म्यूजिक पर भी निजी रूप से दिलचस्पी ली थी. होली के गीत के लिए उनके कहने पर उनके पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता रंग बरसे भीगे चुनर वाली को लिया गया तो म्यूजिक डायरेक्टर क्लासिकल म्यूजिक के मास्टर शिव-हरि की जोड़ी थी. ये गाना आज भी होली के फंक्शंस में गाया बजाया जाता है.
इसी तरह अमिताभ ने एक और गाना फिल्म में शामिल करवाया. उसके बोल थे- नीला आसमां. दरअसल इस गाने की धुन 1975 में अमिताभ बच्चन और शम्मी कपूर ने मिलकर तैयार की थी. उन दिनों वो फिल्म ‘जमीर’ की शूटिंग कर रहे थे. जब अमिताभ ने शम्मी कपूर से इस धुन को अपनी फिल्म सिलसिला में इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी तो शम्मी कपूर को उस धुन की याद आई, वो तो भूल ही चुके थे, बोले- गो अहेड, जैसे चाहे इस्तेमाल कर लो. इस तरह ये गाना फिल्म में शामिल किया गया.
9. किसने राजी किया जया और रेखा को
सिलसिला को अमिताभ और रेखा की आखिरी फिल्म के तौर पर याद किया जाता है और जया बच्चन के भी होने से ये फिल्म उनके निजी रिश्तों की वजह से चर्चा में रही. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि यश चोपड़ा रेखा और जया से पहले स्मिता पाटिल और परवीन बॉबी को साइन कर चुके थे. जिनमें से स्मिता को जया का और परवीन बॉबी को रेखा वाला रोल करना था. जब वो अमिताभ बच्चन को ये बात बताने गए, तो अमिताभ ने पूछा कि क्या ये आपकी आइडियल कास्टिंग है? तो यश चोपड़ा ने कहा, मैं तो जया और रेखा को साइन करना चाहता था तो अमिताभ ने एक लम्बा पॉज लिया और बोले कि मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उन लोगों को राजी आपको करना होगा.
तब यश चोपड़ा ने रेखा और जया से बात की, दोनों ने ही हां कर दी. चोपड़ा ने उन दोनों को अच्छे से समझा दिया कि सेट पर कोई गडबड़ नहीं होनी चाहिए. इधर यश चोपड़ा की दूसरी मुश्किल भी थी कि स्मिता और परवीन को मना करना. परवीन से उनकी ट्यूनिंग अच्छी थी, उसे बुरा नहीं लगा लेकिन शशि कपूर को ये जिम्मेदारी दी गई कि वो स्मिता को मना करे, फिर भी स्मिता ने इसे दिल पे ले लिया था. वैसे ये अकेली फिल्म थी, जिसमें शशि कपूर ने अमिताभ के बड़े भाई का रोल किया था. वरना हर फिल्म में अमिताभ ने ही शशि कपूर के बड़े भाई का रोल किया है चाहे वो सुहाग हो या दीवार.
10. सिलसिला के म्यूजिक के लिए जब बनी खास स्ट्रेटजी
सिलसिला फिल्म अमिताभ से जुड़ी यादों का एक कभी ना खत्म होने वाला सिलसिला जैसा है. इस फिल्म में एक गाना था, ये कहां आ गए गम यूं ही साथ-साथ चलते. जिसको अपनी आवाज दी थी अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर ने. इस गाने को दोनों ने अलग-अलग वक्त पर अपनी-अपनी आवाज में रिकॉर्ड किया था. इस फिल्म के लिए एक गाना यश चोपड़ा की बीवी पामेला चोपड़ा ने भी गाया था, जिसके बोल थे- खुद से किया वादा…. लेकिन वो गाना बाद में फिल्म से हटा दिया गया.
सबसे दिलचस्प बात ये थी कि इस फिल्म के गानों के लिए यश चोपड़ा ने एक खास रणनीति बनाई थी. आजकल जैसे फिल्म के गाने महीनों पहले से टीवी, रेडियो, यूट्यूब पर चलने लगते हैं, उन दिनों उनकी कैसेट मार्केट में आ जाती थीं. यश चोपड़ा ने गानों को आखिरी वक्त तक रोके रखा और गानों को फिल्म की रिलीज से कुछ दिन पहले ही रिलीज किया. बाद में फीरोज खान ने भी जांबाज की रिलीज के वक्त यही रणनीति अपनाई थी.
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