नई दिल्ली. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन 11 अक्टूबर को 75 साल के हो जाएंगे. अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक किरदार से दर्शकों का दिल जीतने वाले अमिताभ बच्चन ने अपने अभियन से इतना कुछ कमाया है कि वो ताउम्र याद रखा जाएगा. वैसे तो अमिताभ बच्चन एक खुली किताब की तरह हैं, मगर उनके ऐसे कई किस्से हैं, जो उस किताब में मौजूद नहीं हैं जो आम लोगों के सामने हैं. इसलिए अमिताभ बच्चन के 75वें बर्थडे पर हम आपको उनसे जुड़ी हुईं ऐसी कहानियों का संग्रह लेकर आए हैं जो शायद ही कहीं आपको देखने और सुनने को मिले. ये कुछ ऐसी अनटोल्ड कहानियां हैं, जो पर्दे पर कभी नहीं दिखीं. अमिताभ बच्चन की कहानियां ऐसे-ऐसे शख्सियतों से जुड़ी हैं कि आप भी हैरान हो जाएंगे और अमिताभ की इन कहानियों में दिलचस्पी लेने लगेंगे. पढ़िये उनके बर्थडे पर 75 कहानियों की सीरीज का पहला किस्त.
1. अमिताभ के रूप में उनके दादा का पुर्नजन्म
अमिताभ बच्चन के पिता थे हरिवंश राय बच्चन और हरिवंश उनको अपना पिता मानते थे. इसे मजाक ना समझें, ये वाकई में सीरियस तथ्य है. हरिवंश राय बच्चन वाकई में बेटे अमिताभ को अपने पिता प्रताप नारायण श्रीवास्तव का पुर्नजन्म समझते थे. इसके पीछे की वजह एक बार बताई खुद अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में. उन्होंने लिखा कि 1942 में एक दिन हरिवंश राय बच्चन यकायक एक सपने की वजह सोते से उठ गए. उन्होंने एक सपना देखा था, जिसमें उनके पिता उनसे कह रहे थे कि उठ जाओ, तुम्हारे बेटा होगा. हरिवंश राय की आंख अचानक खुल गई. बगल के बेड पर देखा तो तेजी बच्चन वहां नहीं थीं.
तेजी उन दिनों प्रेग्नेंट थीं. वो फौरन उन्हें देखने के लिए उठे तो पाया कि तेजी वॉशरूम में बेहोश पड़ी हैं. हरिवंश फौरन उन्हें डॉक्टर के पास ले गए. दरअसल वो डिलीवरी के दर्द से परेशान थीं. जब वाकई में बेटा हुआ तो बच्चन दम्पत्ति चौंक गए. तब से हरिवंश राय बच्चन ने मान लिया कि उनके पिता ही पुर्नजन्म लेकर उनके घर आए हैं और आखिर तक वो ये मानते रहे.
2. क्या स्मिता पाटिल को था कुली एक्सीडेंट का पहले से आभास?
जहां अमिताभ बच्चन के पिता एक सपने में अपने पिता को देखकर ये मानते थे कि अमिताभ अपने दादा के पुर्नजन्म हैं, वहीं अमिताभ ने भी एक बार मीडिया से एक ऐसे सपने का जिक्र किया था, जो कि सच हो गया था. हालांकि, ये सपना अच्छा नहीं बल्कि एक बुरा सपना था. लेकिन वो सपना उन्होंने नहीं बल्कि स्मिता पाटिल ने देखा था. दरअसल ये बात कुली एक्सीडेंट से ठीक पहले की रात की है. अमिताभ बच्चन कुली की शूंटिग बंगलुरु में कर रहे थे. वहीं एक होटल में रुके हुए थे. रात के दो बजे की बात है कि रिसेप्शन से फोन आया कि स्मिता पाटिल आपसे अभी बात करना चाहती हैं. स्मिता पाटिल का ऐसे वक्त फोन अमिताभ के लिए हैरतअंगेज था. उन्हें लगा कि जरूर कोई सीरियस बात होगी, वरना स्मिता उन्हें इतनी देर रात फोन ना करतीं.
बिग बी ने कॉल ट्रांसफर के लिए हां कर दी, लाइन पर आते ही स्मिता ने पूछा कि तुम ठीक हो, कुछ हुआ तो नहीं? जब बच्चन ने बता दिया कि वो बिलकुल ठीक हैं, आराम कर रहे हैं, कुछ नहीं हुआ है. तब स्मिता पाटिल ने राहत की सांस ली और कहा कि मैंने सपने में देखा कि आप एक बुरे हादसे का शिकार हो गए हो, सो मुझे चिंता लगी. अमिताभ ने स्मिता को समझा दिया और फिर दोनों ही सो गए. लेकिन अमिताभ को भान भी नहीं हुआ कि स्मिता का फोन किसी बड़े खतरे की वार्निंग थी. अगले ही दिन पुनीत इस्सर के साथ एक एक्शन सीन करते वक्त वे बुरी तरह घायल हो गए. तभी वो आज तक सपने वाली बात को याद करते हैं.
3. शहंशाह के पीछे की मास्टर माइंड थीं जया
बहुत कम लोगों को पता होगा कि शहंशाह फिल्म का मेन आइडिया खुद जया बच्चन का था. दरअसल जया बच्चन ने ये आइडिया अमिताभ के जरिए टीनू आनंद को दिया और उन्हें काफी पसंद भी आया. ये गेटअप बच्चन की एंग्री यंग मैन की स्क्रीन इमेज को भी सूट करता था, इसलिए टीनू भी फौरन तैयार हो गए. जया बच्चन के आइडिया की स्क्रिप्ट लिखी टीनू के पिता इंदर आनंद ने और स्क्रीनप्ले लिखा संतोष सरोज ने. कहा जाता है कि फिल्म का क्लाइमेक्स टीनू आनंद के पिता ने अपने आखिरी दिनों में बिस्तर पर लेटे-लेटे ही लिखा था. लेकिन टीनू आनंद ने इस फिल्म के लिए पूरा क्रेडिट स्क्रीन पर जया बच्चन को दिया और परदे पर लिखा आया स्टोरी बाई जया बच्चन.
4. जंजीर से पहले की अमिताभ-जया की पांच फिल्में
क्या आपको पता है अमिताभ और जया की पहली फिल्म कौन सी थी? ज्यादातर लोग इसे ‘जंजीर’ मानते हैं. हकीकत ये है कि अमिताभ और जया ‘जंजीर’ से पहले एक दो नहीं, बल्कि पूरी पांच फिल्मों में काम कर चुके थे. सबसे पहले अमिताभ ने जया और धर्मेन्द्र की फिल्म ‘गुड्डी’ में गेस्ट रोल किया, उसके बाद जया और अनिल धवन की फिल्म ‘मेरा घर’ में बच्चन ने एक गेस्ट एपीयरेंस दी. इतना ही नहीं, जया की तीसरी फिल्म ‘बावर्ची’ में भी अमिताभ थे, लेकिन दिखे नहीं. दरअसल, राजेश खन्ना और जया की इस फिल्म में वो सूत्रधार के रोल में थे, इसलिए बिग बी की केवल आवाज थी. पहली बार दोनों ने लीड पेयर एक साथ जो फिल्म की थी, वो थी ‘बंशी बिरजू’ और दूसरी थी ‘एक नजर’. हालांकि दोनों ही फिल्में ज्यादा नहीं चली, लेकिन दोनों में ही जया ने एक प्रॉस्टीट्यूट का रोल किया था. एक नजर के सेट पर ही नादिरा ने अमिताभ और जया की लव स्टोरी खोली थी.
1973 में आई उनकी पांचवीं और जोड़े में तीसरी फिल्म ‘जंजीर’, जिससे बच्चन बन गए बॉलीवुड के एंग्री यंग मैन. उसी साल उनकी शादी हो गई फिर तो अभिमान, शोले, चुपके-चुपके और मिली. फिर जया ने दोनों बच्चों की परवरिश के लिए ब्रेक लिया. 6 साल बाद 1981 में वो राजी हुईं तो रेखा और अमिताभ के साथ ‘सिलसिला’ के लिए, लेकिन फिर ऐसा सिलसिला टूटा कि बिग बी के साथ उनकी 20 साल बाद फिल्म आई ‘कभी खुशी कभी गम’. 18 साल बाद वो परदे पर लौटीं और रेखा के साथ तो कभी नहीं. लेकिन इसी बीच उन्होंने ‘शहंशाह’ की कहानी लिखी, जो बहुत कम लोगों को पता है. जी हां.. अमिताभ की सुपरहिट फिल्म शहंशाह की कहानी जया बच्चन ने लिखी थी.
5. शहंशाह लेट, जितेन्द्र ले गए जैकेट
मर्द करने के दौरान ही अमिताभ बच्चन ने टीनू आनंद की फिल्म शहंशाह साइन कर ली थी. उसके बाद अमिताभ की बीमारी और पॉलटिक्स ज्वॉइन करने के चलते फिल्म गड्ढे में चली गई. टीनू को भी लगा कि अब ये फिल्म बननी नहीं है. ऐसे में जब जितेन्द्र की फिल्म आग और शोला के लिए उसके प्रोडयूसर ने शहंशाह की वो काली जैकेट, पैंट और वो हाथ का कवच मांगा तो टीनू ने मना नहीं किया. आप यूट्यूब पर आग और शोला के सींस में जितेन्द्र को शहंशाह की ओरिजनल कॉस्टयूम पहने देख सकते हैं.
उसके बाद टीनू को लगा कि क्यों ना जैकी श्रॉफ को लेकर शहंशाह को पूरा किया जाय. जैकी तैयार भी हो गये. उनके लिए नई ड्रेस का नाप भी ले लिया गया. जैकी ने अपने रोल की तैयारी भी शुरू कर दी, इधर अचानक अमिताभ बच्चन पॉलिटिक्स को बाय-बाय करके फिल्मी दुनिया में वापस लौट आए. फिर से शहंशाह की नई ड्रेस बनी और ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई. वैसे बहुत कम लोगों को पता है शहंशाह के लिए बनी इस ड्रेस का वजन पूरे 14 किलो था.
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