नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘एन इनसिग्नीफिकेंट मैन’ को फिल्म सर्टिफिकेशन अपील ट्रिब्यूनल (एफसीएटी) ने पास कर दिया है. ट्रिब्यूनल ने डॉक्यूमेंट्री को यू/ए सर्टिफिकेट दिया है.
ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद फिल्म के डायरेक्टर खुशबू रंका ने कहा कि हम निश्चित रूप से सही साबित हुए हैं. क्योंकि फिल्म को लेकर एक हास्यपद मांग की गई थी थी जो कि फिल्म निर्माताओं के लिए हानिकारक और खतरनाक होता.
दरअसल कुछ दिन पहले सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने (सीबीएफसी) के तत्कालीन डायरेक्टर पहलाज निहलानी ने निर्माताओं से पीएम मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शील दीक्षित और केजरीवाल से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लाने को कहा था. इसके बाद फिल्म निर्माता इस मामले को प्रमाणित कराने के लिए एफसीएटी के पास गए थे.
जहां से उन्हें फिल्म के लिए हरी झंड़ी मिल गई है. एफसीएटी ने कहा कि फिल्म को प्रमाणित करने करे लिए किसी भी पार्टी से एनओसी लाने की जरूरत नहीं पड़ती है. जानकारी के मुताबिक यह फिल्म केजरीवाल के राजनीतिक करियर पर बनी हुई है.
बहुत सारे फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म की स्क्रीनिंग हो चुकी है. फिल्म के निर्देशक खुशबूं रंका हैं. जो कि 2012 के चुनाव अभियान के अंत से अरविंद केजरीवाल को फॉलो कर रहे हैं. जबकि आंनद गांधी इस फिल्म निर्माता हैं. इस फिल्म को पिछले साल टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में लोगों ने स्टैंडिंग ओवेशन देकर उत्साहवर्धन किया था.
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