मुंबई: फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले 2.50 लाख कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से मुंबई सहित देश भर में फिल्म और टीवी शो की शूटिंग बंद है.
मुंबई के फ़िल्म सिटी के गेट पर फिल्म में काम करने वाले कर्मचारी हंगमा कर रहे है. किसी भी कलाकार को फ़िल्म सिटी कर अंदर नही जाने दे दिया जा रहा है. ये लोग सड़क पर बैठ गए हैं.
इतना ही नहीं फ़िल्म सिटी के बाहर पुलिस के साथ कर्मचारियों का जमकर हंगामा भी हुआ, लोगो ने पुलिस के साथ धक्का मुक्की की, हंगमा अभी जारी है
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एंप्लॉयज (FWICE) सगठन को 22 यूनियन ने हड़ताल का समर्थन दिया है. FWICE के अध्यक्ष बीएन तिवारी का कहना है कि जब तक फ़िल्म निर्माता हमारी मांगे नही पूरी करेगी तब तक हम हड़ताल से वापस नही लौटेंगे.
इसके अलावा उन्होंने अपनी मांगो के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारी फिल्म और टेलीविजन शो निर्माताओं की मांग मजदूरों के लिए है. ये फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्रीज के सभी कामगारों , टैक्निशियनों और कलाकारों के हक मांग है.
क्या है मांग
इन लोगों की सबसे बड़ी मांग ये है कि जहां पर फिल्म की शूटिंग होती है वहां पर साफ सुथरा नहीं रहता, शौचालय की सुविधा नहीं रहता, बहुत गंदगी रहती है. फिल्म इंडस्ट्री में बड़े बड़े लोग प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान का समर्थन करते हैं लेकिन जहां पर फिल्म की शूटिंग होती है वहां पर स्वच्छता कोई नहीं देखता.
साफ-सफाई और सुरक्षा की मांग के अलावा आठ घंटे की शिफ्ट हो और हर अतिरिक्त घंटे के लिए डबल पेमेंट होनी चाहिए. हर क्राफ्ट के सभी कामगारों, टैक्निशियनों और कलाकारों आदि की चाहे वह मंथली हो या डेलीपैड, पारिश्रमिक में तत्काल वाजिब बढ़ेत्तरी, बिना एग्रीमेंट के काम पर रोक, मिनीमम रेट से कम पर एग्रीमेंट नहीं माना जाएगा, साथ ही जॉब सुरक्षा , उत्तम खानपान और सरकार द्वारा अनुमोदित सारी सुविधायें और ट्रेड यूनियन के प्रावधान हमारी प्रमुख मांग है.
‘हड़ताल से नहीं पड़ा कोई फर्क’
वहीं भारतीय फिल्म और टेलीविजन प्रोड्यूसर्स परिषद के को-चेयरमैन जेडी माजिथिया का कहना है कि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शूटिंग पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. उनका कहना है कि काम काफी आराम से चल रहा है और सभी कर्मचारी काम पर गए हैं और वो खुश भी हैं.