नई दिल्ली: सुरों के सम्राट, सदाबहार अभिनेता, गायक और लेखक किशोर कुमार का आज जन्मदिन है. किशोर कुमार का असली नाम आभाष कुमार गांगुली था. उनका जन्म 4 अगस्त 1929 को हुआ था.
किशोर कुमार की मृत्यु आज ही के दिन अपने बड़े भाई अशोक कुमार के जन्मदिन के अवसर पर हुई थी. किशोर दा ने जितने दिलों पर अपनी जादुई आवाज से राज किया, उतने ही मुरीद लोग उनकी शानदार एक्टिंग के भी थे. किशोर कुमार ने अपनी मदहोश कर देने वाली आवाज से न जाने कितने एक्टर्स के गानों को अमर बना दिया.
लेकिन इस आवाज के पीछे कई ऐसे किस्से छिपे हुए हैं जिन्हें आप जानकर हैरान हो जाएंगे. फिल्म आपकी कसम का गाना जय जय शिव शंकर आपने कई बार सुना होगा, यह गाना आज भी लोगों को झूमने पर मजबूर कर देता है. लेकिन यह बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इस गाने के आखिर में किशोर कुमार ने निर्माता की जमकर खिंचाई की थी.
साल 1974 में बने इस गाने का बजट 50 हजार रुपए था. फिल्म के निर्माता निर्देशक जे ओमप्रकाश बार बार सेट पर ही म्यूजिक डायरेक्टर आर डी बर्मन के पास जाते और कहते कि 50 हजार बहुत ज्यादा है भाई… ऐसा कई बार हुआ. किशोर दा ने भी यह सुन लिया.
इस बीच गाने की रिकॉर्डिंग भी शुरू हो गई. सबकुछ सही चल रहा था, लेकिन अचानक से किशोर दा को मस्ती सूझी और रिकॉर्डिंग के बीच में ही जे ओमप्रकाश की खिंचाई शुरू कर दी.
वहीं फिल्म हाफ टिकट का ये मशहूर गाना ‘आंख सीधी लगी दिल पे जैसे कटरिया ओ संवरिया…’ किशोर कुमार को लता मंगेशकर के साथ गाना था, लेकिन जिस दिन रिकॉर्डिंग होनी थी लता लेट हो गईं और किशोर कुमार रिकॉर्डिंग के लिए पहुंच चुके थे.
जब काफी इंतजार करने के बाद लता नहीं पहुंची तो किशोर दा फिल्म के निर्माता निर्देशक कालीदास के पास गए और एक ऐसा सुझाव दिया जिसे सुनकर सब हक्के बक्के रह गए. किशोर दा का कहना था कि वो आदमी और औरत दोनों आवाज में गा सकते हैं.
यह बात सबको बहुत अटपटी सी लगी लेकिन किशोर कुमार ने सबको मना लिया. इसके अलावा अमिताभ बच्चन के ऊपर फिल्माए डॉन फिल्म का गाना खईके पान बनारस वाला… गाने के लिए किशोर कुमार ने दर्जनों पान चबाए थे, क्योंकि वो वैसी ही आवाज में गाना गाना चाहते थे जैसे कोई हकीकत में पान खाकर गाना गा रहा हो.
इतना ही नहीं फिल्म चलती का नाम गाड़ी का ये फेमस गाना ‘5 रुपया 12 आना मारेगा भईया न न न ना’ आज भी लोगों की जुबां पर रहता है. लेकिन उनके इस गाने के पीछे एक दिलचस्प किस्सा जुड़ा हुआ है.
किशोर कुमार इंदौर के क्रिश्चन कॉलेज में पढ़े थे. किशोर दा पर जब कैंटीन वाले के 5 रुपया 12 आने उधार हो गए और जब कैंटीन का मालिक उनको 5 रुपया 12 चुकाने को कहता तो वो कैंटीन में ही बैठकर चम्मच और गिलास बजा बजाकर कई धुने निकालते थे और कैंटीन वाले की बात अनसुनी कर देते थे.