आज प्रश्नकाल में वो सवाल जो सीधा आपसे जुड़ा है. आपके बच्चे से जुड़ा है.शहरों में आजकल वो दौर है कि बच्चा खाना न खा रहा हो तो काम में व्यस्त मां बाप मोबाइल पर यूट्यूब लगाकर उसे थमा देते हैं और अपने काम में लग जाते हैं या फिर बच्चा थोड़ा बड़ा हुआ नहीं कि उसे मोबाइल दिला देते हैं
नई दिल्ली: आज प्रश्नकाल में वो सवाल जो सीधा आपसे जुड़ा है. आपके बच्चे से जुड़ा है.शहरों में आजकल वो दौर है कि बच्चा खाना न खा रहा हो तो काम में व्यस्त मां बाप मोबाइल पर यूट्यूब लगाकर उसे थमा देते हैं और अपने काम में लग जाते हैं या फिर बच्चा थोड़ा बड़ा हुआ नहीं कि उसे मोबाइल दिला देते हैं औऱ मोबाइल इस्तेमाल करने की उसकी लत को लोगों के सामने बड़ी शान से पेश करते हैं कि हमारा बच्चा कितना स्मार्ट है. लेकिन आप जानकर सकते में आ जाएंगे कि आप खुद अपने बच्चे को गंभीर तरीके से बीमार कर रहे हैं.
मोबाइल से एक नहीं दो नहीं उससे जुड़ी कई बीमारियों की ज़द में धकेल रहे हैं.आपको सुनकर यकीन नहीं होगा कि देश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक एम्स में रोज़ ऐसे मां-बाप पहुंच रहे हैं जो अपने बच्चे को मोबाइल सिन्ड्रोम से निजात दिलाना चाहते हैं. यानि जैसे एक बड़ा आदमी शराब या दूसरे किसी नशे की लत में पड़ जाता है वैसे ही आजकल बच्चे मोबाइल की लत में पड़ रहे हैं और इस हद तक पड़ रहे हैं कि उन्हें इलाज की ज़रुरत पड़ रही है, डॉक्टरों की ज़रुरत पड़ी रही है.
ये दिल्ली का देवांश है. उम्र 5 साल है. लेकिन बीमारी ऐसी कि उसके पूरा परिवार चिंतिंत है. देवांश रोजाना 5 घंटे मोबाइल फोन से चिपका रहता है. अलग कर दो. तो खाना-पानी, खेलना-बोलना भी भूलने लगता है. पूर्वी दिल्ली के दल्लूपुरा में रहने वाले देवांश को ऐसी कौन सी बीमारी है या सिर्फ मोबाइल की लत है.