नई दिल्ली: फिल्म ‘मॉम’ के रिलीज होते ही श्रीदेवी फिल्मों का तिहरा शतक लगाने वाली एक्ट्रेस बन जाएंगी. फिल्म ‘मॉम’ 7 जुलाई को रिलीज होने जा रही है. यह फिल्म श्रीदेवी के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इसी साल फिल्म इंडस्ट्री में उनका 50 साल भी पुरा होने जा रहा है. दूसरी तरफ उनकी बेट जाह्नवी भी बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली है. ऐसे में यह फिल्म श्रीदेवी के लिए काफी अहम है. इस फिल्म में श्रीदेवी दो बच्चों की मां के किरदार में नजर आएंगी.
यह फिल्म एक रिवेंज ड्राम है, दिल्ली शहर में श्रीदेवी एक बड़े स्कूल में टीचर हैं और अपने परिवार के साथ रहती हैंं, दिखाया गया है. यह फिल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती है श्रीदेवी के दर्द और एक मां की पीड़ा फिल्म देखने वालों को भावनात्मत रूप से जोड़ सकती है. एक्टिंग के लिहाज से ये फिल्म पूरी तरह से श्रीदेवी पर निर्भर है. इस फिल्म में एक मां की पीड़ा को बखूबी दिखाया गया है.
ऐसे में आपको ये दिलचस्प जानकारी मिले कि आज से 41 साल पहले यानी 1976 में ही श्रीदेवी मॉम नहीं बल्कि स्टेपमॉम का किरदार कर चुकी हैं, उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये कि वो एक फिल्म में रजनीकांत की स्टेपमॉम बनी थीं.
इस फिल्म का नाम है मूंड्रू मुदिचू, ये एक तमिल फिल्म थी, जिसे के बालचंदर ने डायरेक्ट किया था. इस फिल्म में रजनीकांत के साथ साथ कमल हासन ने भी काम किया था. हालांकि कमल हासन फिल्म में श्रीदेवी के हीरो के रूप में थे, लेकिन उनका रोल थोड़ी देर का ही था. फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प थी.
रजनीकांत और कमल हासन दोनों इस फिल्म में दोस्तों के किरदार में हैं, कमल हासन को अपने हाउसिंग कॉम्पलेक्स में ही रहने वाली श्रीदेवी पसंद आ जाती है. रजनीकांत का इस फिल्म में थोड़ा अलग किरदार है, इसमें उनका किरदार नेगेटिव शेड लिए हुए है. वो दिखावे के लिए कमल हासन को सपोर्ट भी करता है और श्रीदेवी पर बुरी नजर भी रखता है. श्रीदेवी भी उसके इरादों को समझती है और कमल को समझाने की कोशिश करती है, लेकिन वो अपने दोस्त पर पूरा भरोसा जताता है.
एक बार तीनों एक बोट में सफर कर रहे होते हैं, तो कमल हासन पानी में गिर जाता है, लेकिन रजनीकांत ये कहकर बचाने से मना कर देता है कि उसको तैरना नहीं आता. श्री पर उस वक्त पहाड़ टूट पड़ता है, जब उसकी बड़ी बहन जिसके साथ वो रह रही थी, का एक ऐक्सीडेंट में पूरा चेहरा जल जाता है। अब श्रीदेवी के लिए मुश्किल हो जाती है, रजनीकांत उसकी मदद करता है और उसको अपने घर में घरेलू काम दिला देता है. श्रीदेवी रजनीकांत के पिता का दिल जीत लेती हैं, जिससे वो रजनीकांत की शादी उससे करवाने की बात करते हैं.
रजनीकांत जब खुश होकर वापस लौटता है तो बुरी तरह चौंकता है क्योंकि तब तक श्रीदेवी उससे कमल हासन का बदला लेने के लिए रजनीकांत के पिता से ही शादी कर लेती है. दरअसल उसको पता चल जाता है कि रजनीकांत को तैरना आता था. इस तरह से रजनीकांत को झटका देकर श्रीदेवी उसकी सौतेली मां बन जाती है, जो उसे किसी भी सूरत में पाना चाहता था. अपनी जिदंगी को होम करके श्रीदेवी अपने प्रेमी की मौत का अनोखा बदला रजनीकांत से लेती हैं, जो अपने आप में एक बड़ी ही अनोखी और दिलचस्प कहानी है.