मुंबई: बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को पिछले साल फरवरी जेल से रिहा किया गया था. लेकिन अब इस बात पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने एतराज जताते हुए महाराष्ट्र सरकार से इस सिलसिले में जवाब तलब किया है कि क्यों संजय को दो हफ्ते पहले जेल से रिहा किया गया. कोर्ट ने सरकार से एफिडेविट फाइल कर स्पष्टीकरण मांगा है.
12 जून को हुई सुनवाई में कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा था कि जब संजय दत्त अपनी कैद के आधे समय तक पैरोल पर बाहर ही रहे ऐसे में उन्हें जल्दी रिहा कैसे किया जा सकता है. कोर्ट ने ये भी पूछा था कि सरकार को अपने इस फैसले पर सफाई देनी होगी कि संजय को आठ महीने पहले जेल से कैसे रिहा किया गया जबकि वो ज्यादातर समय पैरोल पर रहे थे.
कोर्ट ने ये आदेश पुणे के रहने वाले प्रदीप भालेकर की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए. प्रदीप ने उनकी जल्दी रिहाई पर तो सवाल किए ही, साथ में उन्हें लगातार पैरोल मिलने पर भी निशाना साधा है. इस पर कोर्ट ने कहा, संजय दत्त ज्यादातर समय पैरोल पर थे ऐसे में जेल आधिकारियों ने कैसे फैसला कर लिया कि उनका व्यवहार अच्छा था.
मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी. बता दें कि संजय दत्त को 1993 के सीरियल ब्लास्ट केस में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी. संजय दत्त ने 2013 में सरेंडर कर दिया था. उनके अच्छे व्यवहार को देखते हुए पुणे की यरवदा जेल से तय समय से आठ महीने पहले ही फरवरी 2016 में जमानत दे दी गई थी.