इस स्टार को काला-कलुटा बोलकर कोई नहीं देता था काम और आज हर कोई इसके साथ करना चाहता है फिल्म

बॉलीवुड के इस स्टार को आज से कुछ साल पहले काला-कलुटा बोलकर कोई भी अपनी फिल्म में काम नहीं देता था और आज ऐसा समय है कि इस स्टार के साथ बॉलीवुड का हर डॉयरेक्टर काम करना चाहता है.

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इस स्टार को काला-कलुटा बोलकर कोई नहीं देता था काम और आज हर कोई इसके साथ करना चाहता है फिल्म

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  • May 19, 2017 2:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: बॉलीवुड के इस स्टार को आज से कुछ साल पहले काला-कलुटा बोलकर कोई भी अपनी फिल्म में काम नहीं देता था और आज ऐसा समय है कि इस स्टार के साथ बॉलीवुड का हर डॉयरेक्टर काम करना चाहता है.
 
आप सोचेंगे कौन है तो आपको बता दें कि ये स्टार तीनों खान का सबसे चहेता होने के साथ-साथ बॉलीवुड में अपनी रियलिस्टिक मूवी को लेकर एक अलग पहचान बनाई है. आप कुछ और सोचें इससे पहले हम आपको बता दें कि ये कोई और नहीं बल्कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी है. बता दें कि शुरूआत के दिनों में नवाज का सांवला रंग होने से लोग उन्हें काला-कलूटा भी बुलाते थे और उन्हें फिल्म में छोटा सा रोल देते थे.
 
नवाज के बर्थ डे पर उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ रोचक बातें
 
नवाज ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन तो जैसे तैसे ले लिया. लेकिन नवाज के पास घर नहीं था. इसलिए कुछ सीनियर ने उन्हें अपने अपार्टमेंट में रहने दिया लेकिन इस शर्त पर कि वो उन्हें खाना बनाकर खिलाएंगे और नवाज तैयार हो गए. 
 
नवाज ने चौकीदार की नौकरी भी की
मुंबई आने से पहले दिल्ली में नवाजुद्दीन को अपने खर्चे चलाने के लिए कोई नौकरी नहीं मिल रही थी. काफी ढूंढने के बाद उन्हें चौकीदार की नौकरी मिली. इस नौकरी को पाने के लिए भी नवाज को कुछ हजार रुपए गारंटी के रूप में जमा कराने थे.
 
जो उन्होंने अपने किसी दोस्त से लेकर भरे. वे शारीरिक रूप से काफी कमजोर से थे, जब भी मौका मिलता वो बैठ जाते थे जबकि चौकीदारी करते हुए उनकी ड्यूटी खड़े रहने की थी. एक दिन उनके मालिक ने उन्हें बैठा हुआ देख लिया और उसी दिन उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया और कम्पनी ने गारंटी के लिए जमा की गई रकम भी नहीं लौटाई.
 
कई सी-ग्रेड फिल्मों में किया काम
‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ से पास आउट नवाजुद्दीन को बॉलीवुड में विद्या बालन की ‘कहानी’ फिल्म से पहचान मिली. उनका कहना है कि जब वे मुंबई आए थे तब फिल्म अभिनेता बनने का ख्याल भी नहीं था. उन्होंने कहा, ‘मैं यहां मुंबई बॉलीवुड अभिनेता बनने नहीं आया था. मैं टीवी में काम करना चाहता था लेकिन किसी ने भी मुझे टीवी में काम करने का मौका नहीं दिया. इसलिए मैंने पांच-छह साल तक सी-ग्रेड फिल्मों में काम किया.
 
नवाजुद्दीन को उनके ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘तलाश’ और ‘बदलापुर’ के किरदारों के लिए हर तरफ से काफी सराहना मिली. बहुत संघषों के बाद ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने नवाज की जिंदगी बदल दी. 
 
चांद मियां के रोल में मिली वाहवाही
सलमान खान के साथ फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में रिपोर्टर चांद मियां के किरदार में उन्होंने गजब का अभिनय किया. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई.
 
दशरथ मांझी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘मांझीः द माउंटेन मैन’ में दशरथ मांझी का किरदार निभाया. दशरथ मांझी के रोल को जैसा नवाज ने निभाया और कोई नहीं कर सकता था.
 
अनुराग ने संभाला नवाजुद्दीन का करियर
‘सरफरोश’ में उनके अभिनय को देखकर अनुराग कश्यप ने नवाज को ‘ब्लैक फ्राइडे’ में छोटा सा रोल दिया. उसके बाद ‘फिराक’, ‘न्यूयॉर्क’ और ‘देव डी’ जैसी फिल्मों में काम मिला.
 
सुजॉय घोष की ‘कहानी’ में नवाज ने इंटेलिजेंस अॉफिसर की भूमिका निभाई जिसकी काफी सराहना हुई. फिर ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर-1, 2’  में भी अपनी छाप छोड़ी और इस फिल्म ने उन्हें दर्शकों का चहेता बना दिया.
 

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