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विनोद खन्ना कि ये आखिरी ख्वाहिश रह गई अधूरी

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर विनोद खन्ना का गुरुवार 27 अप्रैल को निधन हो गया. विनोद खन्ना ने जिंदगी में अपने कई मुकाम हासिल किए लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी आखिरी ख्वाहिश ही अधूरी रह गई हैं.

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  • April 29, 2017 6:00 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: बॉलीवुड के मशहूर एक्टर विनोद खन्ना का गुरुवार 27 अप्रैल को निधन हो गया. विनोद खन्ना ने जिंदगी में अपने कई मुकाम हासिल किए लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी आखिरी ख्वाहिश ही अधूरी रह गई हैं. 
 
दरअसल, लाखों दिलों पर राज करने वाले विनोद खन्ना पाकिस्तान के पेशावर में मौजूद अपने पुश्तैनी घर को देखना चाहते थे, लेकिन उनकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी.
 
खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में सांस्कृतिक धरोहर परिषद के महासचिव शकील वहीदुल्ला ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान विनोद खन्ना से मुलाकात की थी. शकील वहीदुल्ला ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अपने ऑटोग्राफ में खन्ना ने पेशावर के लोगों को शुभकामनाएं दी थीं और अपने पुश्तैनी शहर की यात्रा करने की इच्छा जताई थी.
 
उन्होंने आगे यह भी बताया कि विनोद खन्ना उस इलाके को देखने के लिए पेशावर जाना चाहते थे जहां उनके माता-पिता और पूर्वज रहे थे. उन्होंने यह भी बताया कि सांस्कृतिक धरोहर परिषद जल्द ही खन्ना के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन करेगा.
 
बता दें कि विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था. उनका परिवार साल 1947 में भारत-पाक विभाजन के बाद पेशावर से मुंबई आ गया था. उनके माता का नाम कमला और पिता का नाम किशनचंद खन्ना था. 1960 के बाद की उनकी स्कूली शिक्षा नासिक के एक बोर्डिग स्कूल में हुई वहीं उन्होने सिद्धेहम कॉलेज से वाणिज्य में ग्रेजुएशन किया था. 
 
विनोद खन्ना ने अभिनय की शुरुआत 1968 में फिल्म ‘मन का मीत’ से की थी. उन्होंने इसके साथ ही उन्होंने ‘मेरे अपने’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘इम्तिहान’, ‘इनकार’, ‘कुर्बानी’, ‘लहू के दो रंग’, ‘दयावान’ ‘अमर अकबर एंथनी’, और ‘जुर्म’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है. 

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