सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव ने रुला दिया

मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो शेयर किया जिसे सुनकर आपका दिल रो पड़ेंगे. ये सिर्फ कहने के लिए ही नहीं है बल्कि ये सच है हमेशा दूसरों को हंसाने वाले राजू ने यूट्यूब पर एक वीडियो शेयर किया है लेकिन इस बार इस वीडियो को देखकर हंसने के बजाए रोने लगेंगे.

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सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव ने रुला दिया

Admin

  • April 20, 2017 2:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो शेयर किया जिसे सुनकर आपका दिल रो पड़ेंगे. ये सिर्फ कहने के लिए ही नहीं है बल्कि ये सच है हमेशा दूसरों को हंसाने वाले राजू ने यूट्यूब पर एक वीडियो शेयर किया है लेकिन इस बार इस वीडियो को देखकर हंसने के बजाए रोने लगेंगे.
 
इस वीडियो में राजू एक बूढ़ी गाय बनकर उसके दर्द को बयां किया है. इस पूरे वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे एक बूढ़ी गाय को एक समय बाद कसाई से उसे बूचड़खाने ले जाता है और किस तरह से बिना खाना दिए बूढ़ी गाय को तड़पाया जाता है और जब वह कमजोर हो जाती है तो उसे मार दिया जाता है. साथ ही राजू ने गाय से मिलने वाले अनेकों फायदों को भी इस वीडियो के जरिए लोगों को समझाने की बेहतरीन कोशिश की है.
 
वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह एक गाय बूढ़ी होने खुद को कसाई के हाथों न बेचने की गुहार लगा रही है. किस तरह वो बूढ़ी गाय अपने मालिक से कह रही है कि जिस मां का तुमने दूध पिया है उसे मत बेचो. ये कसाई लोग मुझे काट देंगे. 
 
भारत में गाय को लेकर ये सब कानून बनाए गए हैं:
सबसे पहली बात यह है कि गाय के दूध में काफी मात्रा में पॉष्टिक और हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है. गाय को गोबर से रसोई गैस भी बनाई जाती है. बता दें कि भारत के 29 में से 11 राज्य ऐसे हैं जहां गाय, बछड़ा, बैल, सांड और भैंस को काटने और उनका गोश्त खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बाक़ी 18 राज्यों में गो-हत्या पर पूरी या आंशिक रोक है.
 
भारत की 80 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी हिंदू है जिनमें ज़्यादातर लोग गाय को पूजते हैं. लेकिन ये भी सच है कि दुनियाभर में ‘बीफ़’ का सबसे ज़्यादा निर्यात करनेवाले देशों में से एक भारत है.
 
दरअसल ‘बीफ़’, बकरे, मुर्ग़े और मछली के गोश्त से सस्ता होता है. इसी वजह से ये ग़रीब तबक़ों में रोज़ के भोजन का हिस्सा है, ख़ास तौर पर कई मुस्लिम, ईसाई, दलित और आदिवासी जनजातियों के बीच.
 
ये रोक 11 राज्यों – भारत प्रशासित कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र, छत्तीसगढ़, और दो केन्द्र प्रशासित राज्यों – दिल्ली, चंडीगढ़ में लागू है.
 
गो-हत्या क़ानून के उल्लंघन पर सबसे कड़ी सज़ा भी इन्हीं राज्यों में तय की गई है. हरियाणा में सबसे ज़्यादा एक लाख रुपए का जुर्माना और 10 साल की जेल की सज़ा का प्रावधान है.वहीं महाराष्ट्र में गो-हत्या पर 10,000 रुपए का जुर्माना और पांच साल की जेल की सज़ा है.
 
हालांकि छत्तीसगढ़ के अलावा इन सभी राज्यों में भैंस के काटे जाने पर कोई रोक नहीं है. इन सभी राज्यों में सज़ा और जुर्माने पर रुख़ भी कुछ नरम है. जेल की सज़ा छह महीने से दो साल के बीच है जबकि जुर्माने की अधितकम रक़म सिर्फ़ 1,000 रुपए है.
 
आंशिक प्रतिबंध आठ राज्यों – बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा और चार केंद्र शासित राज्यों – दमन और दीव, दादर और नागर हवेली, पांडिचेरी, अंडमान ओर निकोबार द्वीप समूह में लागू है.

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