भोपाल: शत्रु संपत्ति बिल पास होने के बाद बॉलीवुड स्टार सैफ अली खां को करोड़ो की संपत्ति सरकारी हो सकती है. भोपाल जिला प्रशासन ने पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली है. और उसने अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेज दी है. केन्द्र सरकार ने मंगलवार वार शत्रु संपत्ति बिल पास किया है, बिल के पास होने के बाद देश की क़रीब 2050 संपत्तियों का मालिकाना हक़ अब भारत सरकार को मिल गया है.
शत्रु संपत्ति बिल पास होने के बाद अभिनेता यानि छोटे नवाब शैफ अली खां के लिए अच्छी खबर नही है . भोपाल में मौजूद करोड़ो की संपत्ति ‘शत्रु संपत्ति’ कानून संशोधन विधेयक 2017 पास होने के बाद सरकार की हो जायेगी . भोपाल जिले के कलेक्टर निशांत बरबड़े के मुताबिक भोपाल जिला प्रशासन ने नबाब के समय से पुरानें कागजों को खंगाल लिया है. शत्रु संपत्ति का पूरा ब्यौरा तैयार कर केन्द्र के भेज दिया है.
राजधानी भोपाल की करीब 10 हजार एकड़ संपत्ति विधेयक के बाद शत्रु संपत्ति मानी गई है . बीते एक साल में जिला प्रशासन ने 47 शत्रु संपत्तियों की पहचान की है . दरअसल, छोटे नवाब सैफ के पिता मंसूर अली खान पटौदी की मां साजिदा सुल्तान बेगम भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान की छोटी बेटी थीं.
हमीदुल्ला खान की केवल दो बेटियां ही थीं. उनकी बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान जाकर बस गई थीं. हमीदुल्लाह खान के इंतकाल के बाद भोपाल उत्तराधिकार कानून 1947 के तहत संपत्ति का अधिकार साजिदा सुल्तान बेगम को मिल गया था. हालाकि 47 शत्रु संपत्तियों में दो नानी की कोठी और मैपल हाउस को शत्रु संपत्ति घोषित किया जा चुका है.
जबकि 45 प्रॉपर्टी पर अभी सर्वे चल रहा है. विधेयक के पास होने के बाद ‘शत्रु संपत्ति’ मानकर सरकार अपने अधिकार में लेती है. तो भोपाल की बड़ी आबादी के साथ पटौदी परिवार भी प्रभावित होगा . दरअसल कई लोग नवाब से खरीदी संपत्ति पर दशकों से रह रहे है और कुछ में कई आवासीय परिसर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, होटल संचालित हो रहे हैं.
बता दें कि संसद ने शत्रु संपत्ति कानून संशोधन विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी है जिसमें युद्ध के बाद पाकिस्तान एंव चीन पलायन कर गए लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति पर उत्तराधिकार के दावों को रोकने के प्रावधान किए गए हैं. लोकसभा ने शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2017 में राज्यसभा में किए गए संशोधनों को मंजूरी प्रदान करते हुए इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया. राज्यसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है.
यह विधेयक इस संबंध में सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा. निचले सदन ने इस बारे में आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन द्वारा रखे गए शत्रु सम्पत्ति संशोधन और विधिमान्यकरण पांचवां अध्यादेश 2016 का निरनुमोदन करने वाले संकल्प को अस्वीकार कर दिया. इस बारे में हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी सरकार को अपने शत्रु राष्ट्र या उसके नागरिकों को संपत्ति रखने या व्यावयायिक हितों के लिए मंजूरी नहीं देनी चाहिए.
शत्रु संपत्ति का अधिकार सरकार के पास होना चाहिए न कि शत्रु देशों के नागरिकों के उत्तराधिकारियों के पास. उन्होंने कहा कि जब किसी देश के साथ युद्ध होता है तो उसे शत्रु माना जाता है और शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2017 ’ को 1962 के भारत चीन युद्ध , 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के संदर्भ में ही देखा जाना चाहिए.
उपरोक्त युद्धों की पृष्ठभूमि में अपनी पुश्तैनी संपत्ति को छोड़कर शत्रु देश में चले जाने वाले पाकिस्तानी और चीनी नागरिकों के संबंध में लाए गए इस विधेयक के संबंध में राजनाथ ने कहा कि इस विधेयक को पारित कराना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा नहीं होने से लाखों करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान होगा.