मुंबई : बॉलीवुड फिल्म निर्माता करण जौहर पिता बन गए हैं जी हां वो भी दो जुड़वा बच्चों के. यह सब सरोगेसी के जरिए ही मुमकिन हो पाया है.
करण जोहर सिंगल फादर बने हैं, हाल ही में एक अंग्रेजी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएमसी से जु़ड़ी स्वास्थय अधिकारी पद्मजा केस्कर ने बताया की शुक्रवार को दोनों बच्चों का रजिस्ट्रेशन करवाया गया है. ट्विटर पर करण जौहर ने लिखा :
इन बच्चों की जन्म तिथि 7 फरवरी बताई गई है और इनका जन्म मुंबई के अंधरी स्थित मसरानी अस्पताल में हुआ है. केंद्र सरकार की जन्म और मृत्यू पंजीकरण की वेबसाइट पर इस बात की पुष्टि की जा चुकी है. करण जौहर का नाम बच्चों के पिता के तौर पर रजिस्ट्रेशन डिटेल्स में दर्ज किया गया है, फिलहाल इसमें माता के नाम को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है.
बच्चों के नाम को लेकर फिलहाल कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है. रजिस्ट्रेशन के दौरान इन बच्चों का नाम ‘बेबी ब्वॉय’ और ‘बेबी गर्ल’ लिखा गया है. करण जौहर ने अपनी बायोग्राफी ‘एन अनसूटेबल ब्वॉय’ में उन्होंने इस बात की ख्वाहिश जाहिर की थी की वह बच्चों को गोद लेने की ख्वाहिश रखते हैं.
गौरतलब है की 2002 से भारत में सरोगेसी लीगल है मगर इसके साथ एक शर्त ये है की माता-पिता में से कोई एक डोनर होना चाहिए.
क्या है सेरोगेसी-
जिन दंपत्ति को संतान नहीं होती है सेरोगेसी उनके लिए सबसे अच्छा मेडिकल ऑप्शन है. सेरोगेसी के जरिए कोई भी नि:संतान दंपत्ति संतान के सुख की प्राप्ति कर सकता है. सेरोगेसी की जरूरत तब पड़ती है जब किसी भी महिला को बच्चा ना हो रहा हो या फिर वह किसी भी कारण से गर्भ धारण करने में असमर्थ होती है.
सेरोगेसी दो प्रकार की होती है. एक ट्रेडिशनल सरोगेसी और दूसरी जेस्टेशनल सरोगेसी. ट्रेडिशनल सरोगेसी में पिता के शुक्राणुओं को दूसरी महिला के अंडाणुओं के साथ इनफ्यूज किया जाता है. इसमें जैनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है. जबकि जेस्टेशनल सरोगेसी में माता-पिता के अंडाणु और शुक्राणुओं का मिलान एक परखनली विधि से करवा कर भ्रूण को सरोगेट मदर की बच्चेदानी में डाल दिया जाता है. इसमें बच्चे का जैनेटिक संबंध माता-पिता दोनों से ही होता है.
इस तरह बनती हैं सेरोगैसी मां-
दूसरे बच्चे को अपनी कोख में पालना आखिर कौन चाहेगा लेकिन लेकिन गरीबी या भूख कुछ भी करवा सकती है. आमतौर 18 से 35 साल तक की गरीब महिलाएं सरोगेट मां मनने के लिए तैयार हो जाती हैं. इस काम के लिए उन्हें तीन से चार लाख रुपए तक मिल जाते हैं. इसके अलावा गर्भ धारण करने के दौरान अच्छा खान-पान और पूरी सुख-सुविधा भी दी जाती है.