‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’को सेंसर बोर्ड ने नहीं दी हरी झंडी, कहा- फिल्म में आपत्तिजनक सीन्स की भरमार

वुमन बेस्ड फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म में दिखाए गए आपत्तिजनक सीन्स, अपमानजनक शब्दों पर शब्दों पर आपत्ति जताई है.

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‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’को सेंसर बोर्ड ने नहीं दी हरी झंडी, कहा- फिल्म में आपत्तिजनक सीन्स की भरमार

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  • February 24, 2017 9:12 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: वुमन बेस्ड फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म में दिखाए गए आपत्तिजनक सीन्स, अपमानजनक शब्दों पर शब्दों पर आपत्ति जताई है. 
 
 
खबर के अनुसार केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का कहना है कि यह फिल्म कुछ ज्यादा ही महिला केंद्रित है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म को आपत्तिजनक सीन्स और अपमानजनक शब्दों की वजह से प्रमाणित करने से मना कर दिया है. वहीं फिल्म के निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने इस फैसले को महिलाओं के अधिकार पर हमला करार दिया है.
 
 
सीबीएफसी ने फिल्म के निर्माता प्रकाश झा को फिल्म को प्रमाणिकता न दिए जाने के पीछे का कारण बताते हुए एक पत्र लिखा है. इस पत्र में लिखा है कि फिल्म की कहानी महिला केंद्रित और जीवन के बारे में उनकी कल्पनाओं पर आधारित है. इसके अलावा इसमें लगातार आपत्तिजनक सीन्स, अपमानजनक शब्दों, अश्लील ऑडियो हैं. इसलिए यह फिल्म समाज के एक खास तबके के प्रति थोड़ी संवेदनशील है. यही कारण है कि फिल्म को मंजूरी नहीं दी जा सकती है.

 
बता दें कि ‘लिपस्टिक अंडर माइ बुर्का’ को मुंबई फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का ऑक्सफैम अवॉर्ड मिल चुका है. इसके अलाव टोक्यो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी इसे द स्पिरिट ऑफ एशिया का अवॉर्ड दिया जा चुका है.
 
फिल्म की कहानी ‘लिपस्टिक अंडर माइ बुर्का’ में कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो आजाद जिंदगी जीने की तमन्ना रखती हैं.
 

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