Birthday Special: हुस्न की मल्लिका मधुबाला फिल्मों के लिए खुद चुनती थीं अपना हीरो

मधुबाला बॉलीवुड की एक ऐसी हीरोइन थी जिनके चर्चे हॉलीवुड में भी बेशुमार थे. वैलेंटाइन डे के दिन जन्मी मधुबाला की खूबसूरती ऐसी थी जो आज भी उनके चाहने वालों की आंखों में बसता है. मधुबाला की अभिनय, प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देख कर यही कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री है. इस मौके पर आपको बताते हैं इनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें..

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Birthday Special: हुस्न की मल्लिका मधुबाला फिल्मों के लिए खुद चुनती थीं अपना हीरो

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  • February 14, 2017 4:45 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: मधुबाला बॉलीवुड की एक ऐसी हीरोइन थी जिनके चर्चे हॉलीवुड में भी बेशुमार थे. वैलेंटाइन डे के दिन जन्मी मधुबाला की खूबसूरती ऐसी थी जो आज भी उनके चाहने वालों की आंखों में बसता है. मधुबाला का अभिनय, प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देख कर यही कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री है. इस मौके पर आपको बताते हैं इनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें..
 
मधुबाला का जन्म दिल्ली में 14 फरवरी 1933 को एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. मधुबाला अपने माता-पिता की 5 वीं सन्तान थी. उनके कुल 11 भाई बहन थे.
 
मधुबाला के बचपन का नाम मुमताज बेगम देहलवी थी.
 
मधुबाला के बारे में आज भी कहा जाता है कि एक ज्योतिष ने उनके माता-पिता से ये कहा था कि मुमताज़ अत्यधिक एक दिन बहुत बड़ी शोहरत की मालकिन होगी लेकिन उसका बहुत दुखमय होगा.
 
उनकी पहली फिल्‍म ‘बसंत’ (1942) थी. देविका रानी इस फिल्‍म में उनकी एक्‍टिंग से बहुत प्रभावित हुईं और उनका नाम मुमताज से बदलकर ‘मधुबाला’ रख दिया.
 
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मधुबाला को फिल्मों में लीड रोल करने का पहला मौका केदार शर्मा की 1947 में आई फ़िल्म नील कमल से मिला था. इस फ़िल्म मे उन्होंने राज कपूर के साथ अभिनय किया. 
 
भारतीय सिनेमें में मधुबाला को उनकी बेदाग खूबसूरती के लिए ‘सिनेमा की सौन्दर्य देवी’ (Venus Of The Screen) भी कहा जाता था.
 
 
फिल्म फेयर के एडिटर रहे बीके करंजिया अपने एक लेख में इस बात का जिक्र किया था, ‘मधुबाला ने अपने कॉन्ट्रैक्ट में यह भी लिखना शुरू कर दिया था कि उनके साथ नायक की भूमिका कौन करेगा इसका फैसला उन्हीं का होगा.’
 
इतना ही नहीं आज बहुत से फिल्म स्टार अपने साथ बॉडीगार्ड रखते हैं. बॉलीवुड में इसकी शुरुआत मधुबाला ने ही की थी.
 
 
खदीजा अकबर ने मधुबाला पर ‘आई वांट टू लिव’ नाम से किताब लिखी. उनके मुताबिक मधुबाला अपनी समय की ऐसी अदाकारा थीं जो समय की बेहद पाबंद थी और हमेशा टाइम पर पहुंचती थीं.
 
23 फरवरी रविवार के दिन मधुबाला ने 36 साल की छोटी उम्र में आखिरी सांस ली और अब वो लोगों के दिलों में बस याद बनकर रह गई हैं.
 

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