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वीकेंड के लिए और कोई प्लान नहीं तो कुंग फू योगा देखें

अगर आपके पास इस वीकेंड कुछ और बड़ा प्रोग्राम नहीं है, तो कुंग फू योगा आपके लिए अच्छी एंटरटेनिंग फिल्म है, खासकर बच्चों के साथ देखने लायक है.

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  • February 2, 2017 4:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुम्बई: अगर आपके पास इस वीकेंड कुछ और बड़ा प्रोग्राम नहीं है, तो कुंग फू योगा आपके लिए अच्छी एंटरटेनिंग फिल्म है, खासकर बच्चों के साथ देखने लायक है. शानदार चेज सींस, दिल को दहला देने वाले कुछ स्टंट और जैकी चान की मस्ती आपके पैसे वसूल करवा देगी. लेकिन दिमाग को घर में छोड़कर, रिलेक्स होकर जाइए.
 
मूवी की कहानी आपको पहले कई फिल्मों की सी लगेगी. जिसमें खजाना ढूंढा जाता है, लेकिन खास बात थी चीन और इंडिया वालों ने मिलकर कभी ऐसा नहीं किया. भारत के मगध साम्राज्य की एक काल्पनिक रानी, उसके एक दुश्मन और व्हेनसांग की तर्ज पर एक चीनी यात्री, जो रानी की मदद करता है.
 
ये सब शुरूआत में वीडियो गेम के जरिए दिखाया गया है, जैसा कि ओके जानूं में था. गेम के पात्र सोनू सूद और जैकी चान हैं. स्पेशल इफैक्ट्स से भरपूर शुरूआत के सीन से ही आंखें स्क्रीन से बंध जाती है. जैकी चान एक चीनी आर्कियोलॉजिस्ट है, जिसकी मदद से उस रानी और उस विद्रोही की 68वीं पीढ़ियां, जो सोनू सूद और दिशा पटनी हैं, उस खजाने को पाना चाहती हैं, जिसका राज एक नक्शे में छुपा है और एक खास हीरे की मदद से.
 
पूरी मूवी पहले उस हीरे और फिर खजाने तक पहुंचने की जद्दोजहद के इर्द गिर्द है और तिब्बत से लेकर दुबई और भारत तक घूमती है. पूरी फिल्म में टाइटल के मुताबिक इंडिया और चीन दोनों को जोड़ने की कोशिश की गई है. जैकी चान की रोल मिथ की तरह ही आर्कियोलॉजिस्ट का ही है, उसमें भी वो एक रत्न ढूंढने भारत आया था. लेकिन इस मूवी में वो उस टैराकोटा म्यूजियम से जुड़ा हुआ है, जिसमें मोदी ने भी दौरा किया था.
 
इसके अलावा फिल्म में बार बार योगा की तारीफ की जाती है कि कैसे भूणासन योगा के जरिए पानी में काफी देर तक रह सकते हैं, कुंगफू तो है ही. बार बार फिल्म में जैकी चान भारतीयों को ही 27 राशियों, बुद्धिज्म और वास्तुशास्त्र आदि पर ज्ञान देता दिखता है. सोनू सूद के अलावा भारत की दो लड़कियों को मौका मिला है और दोनों का ही रोल काफी ठीक है, दिशा पटनी और अमायरा, जिन्हें आप पहले इशक और मिस्टर एक्स में देख चुके हैं. चाइनीज कलाकारों की नई पीढ़ी भी जमी है.
 
 
कभी कभी आपको लगेगा कि आप अक्षय कुमार की मूवी चांदनी चौक टू चाइना का चाइनीज वर्जन देख रहे हैं. उसमें अक्षय किसी चाइनीज विलेन को मारने जाता है, इसमें भारतीय विलेन का रोल सोनू सूद ने किया है और काफी जमे भी हैं. कहानी भले ही घिसी पिटी हो लेकिन एक एक सीन को काफी कायदे से प्लान किया गया है, उसमें खर्चा किया गया है. चाहे वो कार में शेर को बैठाकर कार चेज का सीन हो, लकड़बग्घों से बचने का सीन हो, वर्फ में फाइटिंग का सीन हो या फिर पानी के अंदर के सीन या फिर लास्ट सीन का सैट, आप एक सेकंड के लिए भी फिल्म से आंखें हटाना नहीं चाहेंगे, फिल्म ने अपनी स्पीड बनाए रखी है. हालांकि सपेरे, बीन से खडी होने वाली रस्सी आदि दिखाकर वही पुराने भारत की तस्वीर खींची गई है, जैसे दुनियां कभी जानती थी.
 
लेकिन जैकी चान ने फिल्म के क्लाइमेक्स में पूरे भारत को मैसेज देने की कोशिश की है कि भारत से अगर कुछ लेना है तो प्राचीन ज्ञान लीजिए. फिल्म को भारत के बाजार से पैसा भी कमाना है इसलिए शिव की मूर्ति के सामने जैकी चान का तांडव, चीनी पुजारनों का डांस भी डाला गया है.
 
दुनियां भर में जैकी चान के फैंस को नया कुछ लगेगा तो फिल्म के आखिर में जैकी चान का बॉलीवुड स्टाइल डांस, हालांकि विलेन का इतनी जल्दी बिना शॉक के हृदय परिवर्तन और वो भी इतना कि वो डांस भी करने लगा, थोडा खटकता है. भले ही मूवी में रोमांस नहीं है, लेकिन फिल्म पैसा वसूल है, ये अलग बात है कि कहीं हिंदू संगठनों को सोनू सूद का हिंदू पुजारी पर हाथ उठाना और मंदिर में जूते पहनना ना खटक जाए.

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