मुंबई : आज सुरों के बादशाह मोहम्मद रफी की 92वीं जयंती है. पूरी दुनिया में रफी और रफी साहब के नाम से मशहूर मोहम्मद रफी ने हिंदी सिनेमा के गानों में नई जान डाल दी थी.
साल 1944 में अपना पहला गाना पंजाबी फिल्म गुल बलोच के लिए गाने वाले रफी साहब का जन्म 24 दिसंबर 1924 में अमृतसर में हुआ था. 1940 के बाद हिंदी सिनेमा जगत में रफी साहब का जादू ऐसा छाया था कि हर कोई रफी साहब की मधुर आवाज में ही गाना सुनना चाहता था.
1945 से हिंदी फिल्मों में गीत गाने की शुरुआत करते हुए रफी साहब ने 40 साल के करियर में 25 हजार से भी ज्यादा गाने गाए. साल 1945 में फिल्म ‘गांव की गोरी’, समाज को बदल डालो (1947) और जुगनू (1947) जैसी फिल्मों के लिए गीत गाकर हिंदी फिल्मों में गीत गाने की शुरुआत की.
वैसे तो रफी साहब ने 15 साल की उम्र में ही गीतों का सार्वजनिक प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था, लेकिन हिंदी फिल्मों में गाने की शुरुआत करने के बाद रफी साहब ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट और दिल को छू लेने वाले गाने गाए. कुछ ऐसे गीत गाए जो आज भी अगर कोई सुनेगा तो उसका दिल भर जाएगा. ये हैं रफी साहब के कुछ सुपरहिट नगमें….
क्या हुआ तेरा वादा…. फिल्म- हम किसी से कम नहीं (1977)
चलो से डोली उठाओ कहार…. फिल्म- जानी दुश्मन (1979)
दर्द-ए-दिल, दर्द-ए-जिगर…. फिल्म- कर्ज (1980)
आदमी मुसाफिर है…. फिल्म- अपनापन (1978)
खिलौना जानकर तुम तो, मेरा दिल तोड़ जाते हो…. फिल्म- खिलौना (1970)
बाबुल की दुआएँ लेती जा…. फिल्म- नीलकमल (1968)
बहारों फूल बरसाओ…. फिल्म- सूरज (1966)
सम्मान और पुरस्कार
रफी साहब को भारत सरकार ने साल 1965 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा रफी साहब का नाम 23 बार फिल्मफेयर पुरस्कारों के लिए नामित हुआ था, जिनमें से उन्होंने 6 बार यह पुरस्कार अपने नाम कराया था. इसके साथ ही एक बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
रफी साहब ने अमिताभ बच्चन, गुरु दत्त, देव आनंद, दिलीप कुमार, भारत भूषण, राजेश खन्ना, जॉनी वॉकर, शम्मी कपूर, जॉय मुखर्जी, राजेन्द्र कुमार, ऋषि कपूर, जीतेंद्र और धर्मेन्द्र जैसे कलाकारों के लिए गाने गाए थे. रफी साहब की मृत्यू 31 जुलाई 1980 में मुंबई में हुई.