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वूमेन ऑफ द ईयर अवार्ड लेकर बोलीं मैडोना, चाकू की नोक पर बचपन में हुआ था रेप

मैं नहीं मानती की संगीत सिर्फ पुरूषों के लिए या पुरूषों की मिलकियत है. मेरा मानना है कि मैं एक कलाकार हूं. संगीत जगत में मेरे कई आदर्श हैं लेकिन डेविड मिली से मैं सबसे ज्यादा प्रभावित हुई क्योंकि उन्होंने मुझे सिखाया कि स्त्री-पुरूष कुछ नहीं होता.

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  • December 17, 2016 2:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
न्यूयॉर्क :  बिलबोर्ड वूमन इन म्यूजिक 216 अवार्ड शो के दौरान वूमन ऑफ द ईयर जीतने वाली पॉप सिंगर मडोना ने शो के दौरान अपनी जिंदगी से जुड़े कई अहम खुलासे किए. 
 
उन्होंने कहा कि ‘समाज में फैले लिंगभेद और लगातार हो रही गुंडागर्दी के बीच पिछले 34 सालों से मेरे काम और मेरी क्षमताओं को पहचानने और उसे सम्मान देने के लिए शुक्रिया. जब मैने करियर की शुरूआत की तो लोग मेरे मुंह पर मेरा मजाक उड़ाते थे.’
 
चाकू की नोक पर हुआ था रेप
‘1979 में जब मैं पहली बार न्यूयॉर्क आई तब मैं नाबालिग थी और न्यूयॉर्क को डरावनी जगह माना जाता था. यहां आने के बाद पहले ही साल पर कुछ लोगों ने मुझे बंदूक की नोक पर उठाया और छत पर ले जाकर चाकू की नोक पर मेरे साथ बलात्कार किया.’ 
 
‘इन सालों में मेरे लगभग हर दोस्त की मौत हो गई. किसी को एड्स हो गया या फिर कोई ड्रग्स की वजह से मर गया और कुछ ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.’
 
आत्मशक्ति से बनी मजबूत
‘आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे एक के बाद एक हुए इन हादसों ने मुझे इतना मजबूत किया होगा कि आज मैं आप सबके सामने खड़ी हूं. इस दुनिया में वास्तविक सुरक्षा जैसी कोई चीज नहीं है, कुछ है तो बस आपकी आत्मशक्ति और आपकी समझ कि आपके पास जो क्षमता है आप उसके मालिक नहीं हैं. आप किसी भी चीज के मालिक नहीं हैं.’ 
 
गाने लिखते समय कभी लिंगभेद नहीं किया
‘आपके पास जो भी कुछ है वो भगवान का दिया हुआ तोहफा है. मेरे साथ हुए इन दर्दनाक हादसों के बाद भी मुझे जो भी कुछ मिला है वो मेरे लिए तोहफा है क्योंकि उसने मुझे एक मजबूत महिला बनाया है. मुझे वूमन ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया जा रहा है तो मैं अपने आप से ये सवाल पूछती हूं कि मैं संगीत की दुनिया में बतौर औरत क्या कह सकती हूं. मैने जब गाने लिखने शुरू किए तो मैंने उसमें लिगंभेद नहीं किया.’  
 
संगीत जगत में महिलाओं के लिए नियम अलग होते हैं
 
‘मैं नहीं मानती की संगीत सिर्फ पुरूषों के लिए या पुरूषों की मिलकियत है. मेरा मानना है कि मैं एक कलाकार हूं. संगीत जगत में मेरे कई आदर्श हैं लेकिन डेविड मिली से मैं सबसे ज्यादा प्रभावित हुई क्योंकि उन्होंने मुझे सिखाया कि स्त्री-पुरूष कुछ नहीं होता, उन्होंने सिखाया कि संगीत जगत में कोई कानून नहीं होता. मगर मैं गलत थी, कोई कानून नहीं होता अगर आप पुरूष हैं लेकिन अगर आप महिला हैं तो आपको एक गेम खेलना पड़ता है.’
 
‘आपके छूट दी जाती है कि आप सुंदर दिखें, सैक्सी दिखें लेकिन आपसे उम्मीद की जाती है कि आप ज्यादा स्मार्ट ना हों. आपको सिर्फ एक विलासिता की वस्तु की तरह पेश किया जाता है. आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप मन बहलाने वाली एक वस्तु की तरह जिएं और लोगों का मनोरंजन  करें.’ करीब दस मिनट के भाषण में मडोना ने संगीत जगत के अपने कई अनुभवों को भी साझा किया. 
 
 

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