‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ में आमिर करेंगे 719 कत्ल

आमिर खान की एक आने वाली मूवी में आमिर का डायलॉग सुनिए, “ओह सर... जेल की सजा ना मिलती तो मर्डर का आंकड़ा एक हजार होता, 719 ही रह गए’’. जी हां अपनी आने वाली मूवी में आमिर खान एक दुर्दांत हत्यारे का रोल करने जा रहे हैं, जो पूरे 719 कत्ल करने के बाद ही पुलिस की गिरफ्त में आ पाता है.

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‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ में आमिर करेंगे 719 कत्ल

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  • December 6, 2016 12:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई : आमिर खान की एक आने वाली मूवी में आमिर का डायलॉग सुनिए, “ओह सर… जेल की सजा ना मिलती तो मर्डर का आंकड़ा एक हजार होता, 719 ही रह गए’’. जी हां अपनी आने वाली मूवी में आमिर खान एक दुर्दांत हत्यारे का रोल करने जा रहे हैं, जो पूरे 719 कत्ल करने के बाद ही पुलिस की गिरफ्त में आ पाता है, उसके बाद भी उसे अफसोस होता है कि हजार मर्डर करने से पहले ही वो क्यों गिरफ्त में आ गया.
 
उससे भी ज्यादा दिलचस्प बात ये है कि इस मूवी में वो जिस कातिल का किरदार निभाने जा रहे हैं, उसका नाम भी हकीकत में आमिर ही था, आमिर अली. इस मूवी के बाद देश को एक और आमिर के बारे में पता चलेगा. इस मूवी का नाम है ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ और इस बना रहा है यश चोपड़ा के बेटे आदित्य चोपड़ा का प्रोडक्शन हाउस वाईआरएफ फिल्म्स. फिल्म को डायरेक्ट करेंगे विजय आचार्य, जो बॉलीवुड में अपनी यशराज बैनर की धूम सीरीज की थ्रिलर मूवीज बनाने के लिए जाने जाते हैं. तभी उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए पहले धूम-टू के विलेन रितिक रोशन को ही साइन किया था, लेकिन बाद में धूम थ्री के विलेन आमिर खान को साइन किया.
 
फिल्म में एक और मजबूत लेकिन बुजुर्ग किरदार की जरूरत थी, सो आमिर खान के साथ अमिताभ बच्चन को भी साइन किया गया और ये पहली मूवी होगी, जिसमें आमिर खान के साथ अमिताभ बच्चन काम करेंगे. आमिर खान अमिताभ के साथ पहली बार काम करने को लेकर इतने एक्साइटेड थे कि खुद ट्वीट करके पिछले महीने इस फिल्म का ऐलान किया.
 
दरअसल फिल्म एक सच्ची कहानी पर आधारित है, जो आमिर अली नाम के एक ऐसे ठग सरदार की थी, जिसका परिवार खुद ठगों का शिकार होकर मारा गया था. उन्हीं ठगों में से एक ठग था इस्माइल, जिसके कोई बच्चा नहीं था. परिवार को मौत के घाट उतारने के बाद इस्माइल को बच्चे पर दया आ गई और वो उसे अपने साथ ले गया, इस्माइल ने ही आमिर अली को एक शातिर और खूंखार ठग में तब्दील कर दिया, उसे ठगगिरी के सारे फॉर्मूले सिखलाए.
 
आमिर अली ने अपनी ठगी जीवन में 719 हत्याएं कीं और ये सारी हत्यायें 1800 और 1830 के बीच कीं. आमिर अली का रोल आमिर खान और आमिर के मेंटर इस्माइल का रोल अमिताभ बच्चन करेंगे. फिल्म को 2018 की दीवाली पर रिलीज करने की बात आमिर खान ने अपनी ट्वीट में लिखी थी.
 
ठगों पर कुछ साल पहले वॉलीवुड में एक और बड़ी मूवी आई थी, वीर. सलमान, सोहेल और मिथुन चक्रवर्ती वाली फिल्म में लीड हीरोइन के तौर पर जरीन खान और उसके बाप के रोल में जैकी श्रॉफ का रोल था. इसमें मिथुन चक्रवर्ती और उनके बेटों सलमान और सोहेल ने पिंडारी ठगों का रोल किया था. अंग्रेजों के राज में इन ठगों का काफी आतंक था, एक तरफ अंग्रेज इनसे परेशान थे, दूसरी तरफ धनी व्यापारी और छोटे राजाओं के बीच भी दहशत रहती थी.
 
ठग्स ऑफ हिंदोस्तान की कहानी दरअसल फिलिप मेडोज टेलर के नोवल ‘कनफैशंस ऑफ ए ठग’ से ली गई है. 1939 में छप कर आए इस नोवेल में पहली बार भारत के कौने कौने में काम कर रहे इन ठगों की रहन सहन, काम करने के तरीकों और खौफनाक इरादों के बारे में जानकारी दुनियां के सामने आई थीं.
 
आमिर अली को पकड़कर एमपी के सागर की जेल में रखा गया था. कर्नल स्लीमेन को भारत में ठगों का अंत करने का क्रेडिट दिया जाता है, 1831 से 1837 के बीच 3266 ठगों को गिरफ्तार किया गया था. यूं तो टेलर भी हैदराबाद में असिस्टेंट सुप्रिडेंट ऑफ पुलिस था लेकिन उसने स्लीमेन से सुनकर या खुद मिलकर आमिर अली के कन्फैशंस को इस किताब में छापा. बाद में आमिर अंग्रेजी पुलिस का एप्रूवर और इनफॉरमर बन गया था. हालांकि तब तक वो इस ठगी के चक्कर में अपने परिवार से भी हाथ धो चुका था.
 
आमिर अली को जब इस्माइल अपने साथ गांव ले गया तो एक दिन गांव में टाइगर घुस आया. आमिर ने उसे मार दिया, उसके बाद प्रभावित होकर इस्माइल ने उसे हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी और उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया. उस गैंग में शामिल होने से पहले किसी भी सदस्य को एक मर्डर करना जरूरी था, आमिर ने भी कर दिखाया.
 
भले ही उस गैंग में ज्यादातर मुसलमान थे, लेकिन वो काली के भवानी रूप के पूजक थे और मानते थे कि पृथ्वी पर अनैतिकता बहुत बढ़ गई है और मां भवानी ने उन्हें ऐसे अनैतिक लोगों को सजा देने के लिए भेजा है. ठग ज्यादातर अमीर व्यापारियों के वेश में ही रहते थे और ग्रुप में ही यात्राएं करते थे. दूसरे व्यापारियों के ग्रुप से धीरे धीरे दोस्ती बढ़ाते और अकेले देखकर उनका गला घोंटकर मार डालते थे.
 
किसी का कत्ल करने के लिए उनका पसंदीदा हथियार था रूमाल, जिसे तलाशी में कोई हथियार मानता भी नहीं था, इसीलिए इन ठगों को फासीगर माना जाता था. कुछ रूल भी ये लोग मानते थे कि बच्चों और महिलाओं की हत्या नहीं करनी है, रेप जैसा अनैतिक काम नहीं करना है, लेकिन मुसीबत में फंसने पर ये महिलाओं और बच्चों की हत्या करने से भी गुरेज नहीं करते थे.
 
ये भी नियम था कि अगर किसी ठग की पहचान सार्वजनिक हो गई तो ये अपने साथी का ही कत्ल कर डालते थे. चूंकि हर कोई ठग ना तो इतना मजबूत होता था कि रूमाल से किसी का कत्ल कर दे और ना ही कोई इतना जिगर वाला कि किसी की भी हत्या कर दे तो उसी तरह लोगों से दोस्ती करके उनको बातों में फंसाना भी हर एक के बस में नहीं था. इसीलिए ठगों को बांट दिया गया था, बातचीत करके फांसने का काम सोथा ठगों का होता था.
 
भुट्टोटे वो होते थे जो कत्ल करने का काम करते थे तो बेल्हों का काम केवल कब्र खोदकर तैयार करने का था. सबसे आखिरी काम लुघाई ठगों का होता था जो कत्ल के बाद लाश समेत सारे सुबूत दफना देते थे, यहां तक कि लाश का पेट फाड़कर कब्र में दफनाते थे ताकि फूलकर लाश बाहर ना आ जाए. रह साल पचास हजार के करीब लोग देश में इन ठगों का शिकार हो जाते थे.
 
ठगों की अपनी कोड लेंग्वेज भी होती थी, जो आसानी से किसी की समझ में नहीं आती थी, लेकिन कई तरह के वाक्य ऐसे होते थे, जिससे ठगों को ये पता चलता था कि अब सामने वाले को निपटाने का समय आ गया है या किसी तरह का कोई खतरा है. टेलर की किताब में आमिर अली ने ना केवल मर्डर के तरीकों के बारे में बल्कि इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के बारे में जानकारी दी है बल्कि वो खास मौकों पर क्या क्या कोड वर्ड्स में बात करते थे, वो भी बताया है. आजकल आतंकी ऐसे कोर्ड वर्ड में बात करते हैं.
 
अब आमिर खान वो रोल करेंगे, माना जा रहा है कि आमिर के रोल को पॉजीटिव टच भी दिया जाना है कि वो कैसे इतना दुर्दांत हत्यारा बन गया और सबसे आखिर में परिवार को खोकर बदल गया और देश भर के ठगों को पकड़वाने में, ठगी का अंत करवाने में उसने अहम भूमिका निभाई.
 
बाजीराव मस्तानी, मोहनजोदडो के बाद हिस्ट्री बेस्ड जिन फिल्मों का ऐलान हुआ है उनमें रानी पदमावती और ठग्स ऑफ हिंदोस्तान प्रमुख हैं. आमिर खान पहले ही मंगल पांडे और लगान जैसी दो पीरियड विषयों की फिल्मों में काम कर चुके हैं, ऐसे में उन्हें मुश्किल भी नहीं होगी. देखना ये होगा कि विजय आचार्य जो अब तक तूफानी किस्म की मॉर्डन फिल्में बनाते आए हैं, वो स्लो पेस वाली पीरियड मूवी में अपना तूफानी अंदाज कैसे दोहराएंगे?

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