मुंबई: प्राकृतिक चीजों को अपने शब्दों में पिरोने वाले लेखक रस्किन बॉन्ड को साहित्य के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से सम्नातित किया गया.
पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के बाद बॉन्ड ने कहा, ‘प्रकृति वास्तव में मुझ पर मेहरबान रही है. इसलिए मैं सोचता हूं कि इसका उत्सव मनाकर मैं उसे वह लौटा सकता हूं. मैं कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हूं, लेकिन मैं इसका जश्न अपने लेखन में मना सकता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘अपने बच्चों और उनके बच्चों के लिए हमें इस भूमंडल को बचाने की कोशिश करनी चाहिए’
इस मौके पर बॉन्ड भावुक नजर आए, भावुक होते हुए बॉन्ड ने कहा, ‘मैं निराशावादी नहीं हूं, इसलिए मैं नहीं कहूंगा कि जीवन 50 वर्षों में खत्म हो जाएगा. मैं आशावादी हूं, इसलिए मैं कहूंगा कि ये जीवन 150 वर्षों में भी समाप्त हो सकता है.”
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने हमेशा से देखा है कि जब मैं प्रकृति की गोद में रहा हूं, सबसे अच्छा लिखा है. लोग मेरी कहानियों में हैं, जानवर मेरी कहानियों में हैं. जब मैं लोगों और जानवरों से दूर भागा हूं तो मैंने भूत-प्रेतों की कहानियां भी लिखी हैं, लेकिन इन सब में भी प्रकृति का तत्व कहीं न कहीं जरूर मौजूद है.
बॉन्ड ने बताया कि उन्हें बचपन से ही बुक पढ़ने की आदत है. इसी आदत की वजह से वो इतने आशावादी हैं और उन्हें लगता है जीवन बहुत सुंदर है.