लड़कियों के चरित्र पर बहस करती ‘पिंक’ मूवी

हमारे पुरुष प्रधान समाज में अगर कोई लड़की किसी लड़के से देर रात बात ही करती है तो बवाल हो जाता है. जैसे हंसकर बात करना या देर रात पार्टी करना या ड्रिंक करना, छोटे कपड़े पहनना तो इसे आपके चरित्र से जोड़ दिया जाता है.

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लड़कियों के चरित्र पर बहस करती ‘पिंक’ मूवी

Admin

  • September 17, 2016 1:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई.  हमारे पुरुष प्रधान समाज में अगर कोई लड़की किसी लड़के से देर रात बात करती है तो बवाल हो जाता है. जैसे हंसकर बात करना या देर रात पार्टी करना या ड्रिंक करना, छोटे कपड़े पहनना  तो इसे आपके चरित्र से जोड़ दिया जाता है.
 
इस सच्चाई को डायरेक्टर अनिरुद्ध रॉय ने पिंक मूवी के जरिए कटघरे में खड़ा किया है. साथ ही समाज के लड़कों से यह सवाल भी पूछा है कि आखिर क्यों लड़के यह मान लेते हैं कि लड़की आजाद खयालात की है तो उसके साथ आप कुछ भी कर सकते हैं. 
 
इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि  इसमें आसान दिखने वाला शब्द ‘ना’ को इस तरीके से जाहिर किया गया है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे और आप इस शब्द के महत्व को जानकर हैरान हो जाएंगे.
 
डायरेक्टर ने वकील की भूमिका के संवाद के जरिए एक ऐसी बात को असरदार ढंग से सामने रखा है, जिसे सब जानते हैं, लेकिन मानते नहीं. फिल्म पिंक में इस बात पर जोर दिया गया है कि चाहे वह गर्लफ्रेंड हो, परिचित हो, सेक्स वर्कर हो या फिर बीवी ही क्यों न हो. अगर वो ना कहती है तो फिर पुरुषों को वहीं पर रुक जाना चाहिए. उसके बाद उसे पुरुष को छूने का कोई अधिकार नहीं हैं. मतलब  ‘No means No’
 
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कहानी.
पिंक फिल्म दिल्ली में किराए के घर में रहने वाली तीन वर्किंग लड़कियों मीनल (तापसी), एंड्रिया और फलक (किर्ति) की कहानी है. ये तीनों दिल्ली के काफी पॉश इलाके में रहती हैं. एक रात इन तीनों की एक रॉक कंसर्ट में तीन लड़कों से झड़प हो जाती है. जहां मीनल राजवीर (अंगद बेदी) के सिर पर एक बोतल मार देती है. इस घटना के बाद राजवीर और उसके दोस्त इन तीनों को परेशान करना शुरु कर देते हैं. इसके बाद कहानी ट्विस्ट्स और सस्पेंस के साथ आगे बढ़ती है.
 
फिल्म में कोई भी सीन दिखाने में समय की कमी का संकोच नहीं दिखता. सारी कोशिश ये है दर्शक पूरी घटना, हर सीन को बेहतर तरीके से समझ सकें. फिल्म आखिर तक ये सस्पेंस बनाए रखने में कामयाब रहती है कि आखिर उस रात ऐसा क्या हुआ था जिसने इन तीन लड़कियों की जिंदगी में तूफान ला दिया.
 
मूवी कास्ट.
अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, किर्ति कुल्हाड़ी, एंड्रिया  तेरियांग, अंगद बेदी, विजय वर्मा, तुशार पांडे, पीयूष मिश्रा, ध्रीतिमान चटर्जी, विनोद नागपाल, दिबांग.
 
एक्टिंग और डायरेक्शन
इस कोर्टरूम ड्रामा में अमिताभ बच्चन वकील के रूप में काफी शानदार दिख रहे हैं. तापसी की एक्टिंग अमेजिंग है. कीर्ति ने खुद को अच्छी एक्ट्रेस साबित किया है. इसके अलावा पीयूष मिश्रा, तुशार पांडे, एंड्रिया, धृतिमान, विजय वर्मा समेत सारे सपोर्टिंग एक्टर्स ने भी अपना किरदार बखुबी निभाया है. 
 
क्यों जाएं देखने
यह फिल्म हमारे समाज में देश की लड़कियों के साथ हो रहे अपराध को दिखाती है. क्योंकि हमारे समाज में लड़कियों का कैरेक्टर घड़ी की सुई की तरह डिसाइड करते हैं. फिल्म में जिस मुद्दे को उठाया गया है वो हर शख्स के लिए देखना और समझना बहुत जरूरी है. ‘पिंक’ वाकई में आपको अंदर से झकझोर कर रख देगी. 
 

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