मुंबई. अमिताभ बच्चन भले ही बॉलीवुड के महानायक कहे जाते हों, लेकिन आज भी उन्हें एक राजनेता के तौर पर अपने ऊपर अफसोस होता है. अमिताभ का कहना है कि उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र इलाहाबाद के लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं कर पाने का मलाल है .
एक कार्यक्रम को दौरान अमिताभ ने कि वो अक्सर इसके बारे में सोचता हैं क्योंकि एक व्यक्ति चुनाव प्रचार के दौरान कई वादे करता है, जब वो आप लोगों से वोट मांग रहे होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उन वादों को पूरा नहीं कर पाने का मुझे मलाल है. इस बात का अफसोस मुझे आज भी है.
‘राजनीति में आना भावनात्क फैसला था’
इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो राजनीति में आने का फैसला अपने एक दोस्त की मदद करना था. मैं उनकी मदद करना चाहता था, जो कि भावनात्क फैसला था.
राजीव गांधी के समर्थन में रखा राजनीति में कदम
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पारिवारिक दोस्त राजीव गांधी के समर्थन से अमिताभ ने 1984 में राजनीति में कदम रखा था. अमिताभ ने इलाहाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और काफी बड़े अंतर से जीत हासिल भी की थी. हालांकि उनका राजनीतिक करियर काफी कम समय का रहा था. क्योंकि उन्होंने तीन साल बाद ही सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था.