मेरठ. उत्तर प्रदेश की पॉलीटिक्स पर बनी फिल्म ‘शोरगुल’ को मुजफ्फरनगर और मेरठ जिले के सिनेमाहॉल मालिकों ने दिखाने से इनकार कर दिया है. सिनेमाहॉल मालिकों ने उपद्रव के द्वारा तोड़-फोड़ की आशंका जताते हुए फिल्म को दिखाने से इंकार किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक मुजफ्फरनगर दंगे के ऊपर बनी यह फिल्म में इंडियन पॉलिटिक्स एक नेगेटिव रुप को सामने लाया गया है कि कैसे नेता अपने फायदें के लिए किस हद तक जा सकते है, लेकिन दूसरी तरफ मेरठ के डीएम पंकज यादव का कहना है कि इस फिल्म के न दिखाने में प्रशासन का कोई रोल नहीं है, और सरकार की तरफ से फिल्म को बैन करने के लिए कोई निर्देश नहीं मिले हैं. यह सिनेमाहॉल के मालिकों की मर्जी है कि वह फिल्म को दिखाएं या न दिखाएं.
फिल्म के बैन होने की खबरें तब आई थीं जब इस फिल्म के निर्माताओं ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि हमारी फिल्म को पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बैन कर दिया गया है. बता दें कि मजफ्फरनगर प्रदेश का वह इलाका है जहां 2013 में खतरनाक सांप्रदायिक दंगे हुए थे. उस दंगे में 62 लोगों की मौत हो गई थी और 50 हजार से ज्यादा लोगों का पलायन हो गया था. हालांकि जिला प्रशासन ने इन दावों को तब भी खारिज कर दिया था.
मुजफ्परनगर के डीएम दिनेश कुमार सिंह ने कहा, मुजफ्परनगर में शोरगुल फिल्म पर कोई बैन नहीं है. फिल्म ना दिखाने थिएटर मालिकों का अपना निजी फैसला है. अगर कोई थिएटर मालिक हमसे सुरक्षा की मांग करता है तो हम उसे पूरी सुरक्षा देंगे.