कुशीनगर, चुनाव (UP Chunav 2022) से ठीक पहले भाजपा छोड़कर लाइमलाइट बटोरने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य खुद को पार्टियों के लिए ‘चुनाव जिताऊ’ नेता बताते आए हैं. स्वामी अक्सर ही मायावती से लेकर भाजपा तक को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाने का दम भरते नज़र आए हैं, लेकिन वह कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट पर अपने ही चुनाव में फंसते दिखाई पड़ रहे हैं. पडरौना सीट से मौजूदा विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस बार अपनी सीट बदली है, वो फाजिलनगर से चुनाव लड़ रहे हैं जहाँ उनका सामना भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा से हो रहा है, जो दो बार के विधायक गंगा सिंह कुशावाहा के बेटे हैं. गौरतलब है, गंगा सिंह ने 2017 में इस सीट पर 48 फीसदी वोट पाकर जीत दर्ज की थी.
सुरेंद्र कुशवाहा पिछड़ी बिरादरी से तालुकात रखते हैं, जबकि स्वामी प्रसाद खुद को पिछड़ों का नेता बताते आए हैं. ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि जनता किस पिछड़े नेता को चुनावी जंग में अगड़ा बनाती है, लेकिन भाजपा की ओर से भी ओबीसी कैंडिडेट को उतारने के बाद वोटों का बटवारा होना तो तय है, ऐसे में चुनाव में बसपा के उम्मीदवार इलियास अंसारी के एक्स फैक्टर बनकर उभरने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. इलियास अंसारी लंबे समय तक सपा में रहे हैं, लेकिन स्वामी प्रसाद के फाजिलनगर आने से उनका पत्ता कट गया था, जिसके बाद उन्होंने सपा छोड़ बसपा का दामन थाम लिया था.
बता दें इलियास अंसारी की बसपा से उम्मीदवारी के चलते ही स्वामी प्रसाद मौर्य को पिछडों और मुस्लिमों के वोट मिलने पर संदेह होने लगा है, क्योंकि स्थानीय लोगों का एक वर्ग है, जो स्वामी प्रसाद मौर्य को इस सीट पर बाहरी नेता के तौर पर देखता है.
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