दिल्ली का हर चौथा मतदाता झुग्गी में रहता है। यहां लगभग 20 लाख से अधिक मतदाता रहते हैं। दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी, यह तय करने में झुग्गी वालों का बड़ा योगदान है।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी पार्टियां पूरे दम ख़म के साथ मैदान में उतर चुकी है। खासकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। आप का इरादा जहां सत्ता में वापसी पर है तो भाजपा किसी भी कीमत पर दिल्ली की गद्दी हासिल करना चाहती है। अब बताया जा रहा है कि दिल्ली चुनाव में अमित शाह ने खुद कमान संभाल ली है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा के हर कदम पर अमित शाह की पैनी नजर है। हर हाल में चुनाव जीतने के लिए वो कई तरह के तरीके अपना रहे हैं। इसी क्रम में बताया जा रहा है कि शाह 11 जनवरी को 3000 झुग्गी प्रधानों से मुलाकात करेंगे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब चुनावी बिगुल फूंका था तो स्वाभिमान अपार्टमेंट के तहत 1675 झुग्गीवासियों को फ्लैट की चाबी सौंपी थी। अब गृह मंत्री शाह झुग्गी प्रधानों से मिलने जा रहे हैं।
बता दें कि दिल्ली का हर चौथा मतदाता झुग्गी में रहता है। यहां लगभग 20 लाख से अधिक मतदाता रहते हैं। दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी, यह तय करने में झुग्गी वालों का बड़ा योगदान है। मुफ्त बिजली और पानी के जरिए अरविंद केजरीवाल पहले ही इन वोटर्स को अपनी तरफ कर चुके हैं। इसी का नतीजा था कि पिछले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। अब भाजपा इन्हें अनदेखा करके फिर से बड़ी गलती नहीं करना चाहती है।
झुग्गीवासियों को लेकर भाजपा नेता ये दावा कर रहे हैं कि पिछले एक-दो साल में परिस्थिति बदल गई है। अरविंद केजरीवाल की शराब नीति की वजह से वहाँ के वोटर्स छिटक गए हैं। इसका बड़ा उदहारण है लोकसभा चुनाव और पिछले नगर निगम चुनाव में भाजपा को आधे वोटर्स का वोट मिलना। झुग्गी में काम करने वाली महिलाओं के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया क्योंकि जगह-जगह पर शराब के ठेके खुल गए। पति से लेकर बच्चे तक शराब पीकर घर आने लगे। इसका फायदा भाजपा उठाना चाहती है।
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