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मुसलमान आपस में लड़ रहे हैं, संभल हिंसा पर शाही इमाम का खौला खून, नेताओं पर भड़क उठे

संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात एफआईआर दर्ज की हैं. इस बीच इस मामले को लेकर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'अगर आप नेता होते तो अल्लाह की सुन्नत के मुताबिक मोहम्मद रसूल सबसे आगे खड़े होते. इसके बाद वह अपने समुदाय को समझाएंगे.

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Muslims are fighting amongst themselves Shahi Imam blood boils over sambhal violence gets angry at leaders maulana muhammad usman rehmani ludhianvi
  • November 30, 2024 3:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

चंडीगढ़: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात एफआईआर दर्ज की हैं. इस बीच इस मामले को लेकर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘अगर आप नेता होते तो अल्लाह की सुन्नत के मुताबिक मोहम्मद रसूल सबसे आगे खड़े होते. इसके बाद वह अपने समुदाय को समझाएंगे.

 

आप सौदागर हैं

 

वहीं उन्होंने कहा, ”यह बात मैं आपको नहीं बल्कि उन सभी मुस्लिम नेताओं और बड़े-बड़े मुल्लाओं को बता रहा हूं जो कॉन्फ्रेंस करने में लगे हुए हैं और मुसलमानों के बच्चों पर नाजायज मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. उन्हें गोलियों का निशाना सिर्फ इसलिए बनाया गया क्योंकि जब मुसीबत और दुख का समय आया तो आप बैठकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, आप अपनी कौम की रक्षा के लिए मौके पर नहीं गए. आप नेता नहीं हैं, आप सौदागर हैं.

मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा, ”अगर आप नेता होते तो मुहम्मद रसूल अल्लाह की सुन्नत के मुताबिक सबसे आगे खड़े होते. इसके बाद वह अपने समुदाय को समझाएंगे. मैं मुसलमानों से कहता हूं कि आपने किन बेईमान लोगों के साथ मिलकर इन पुलिस वालों से लड़ाई की, बच्चों को मरवाया और मुकदमे दर्ज करवाए? उन बेईमान लोगों के पीछे जाकर जो आपके दुख-दर्द में कभी आपके साथ नहीं खड़े हुए.

 

ज़मीन बचा रहे

 

आगे उन्होंने कहा कि अगर वह वक्फ के पक्ष में होते तो उनके इलाके में कोई गरीब नहीं होता. उनके पास मस्जिदें, बड़े कॉलेज और विश्वविद्यालय होते. वक्फ का नाम लेकर, मुसलमानों का नाम लेकर, ये सिर्फ मुसलमानों को सरकार से डराकर अपनी खिसकती ज़मीन बचा रहे हैं, इसके अलावा इनका कोई इरादा नहीं है।

 

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