इंदौर/नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने के बाद देश के अन्य शहरों की तरह इंदौर उसके कस्बे महू में भी सब कुछ सामान्य था. लोग अपने अपने तरीके से जश्न मना रहे थे. इसी बीच तिरंगा यात्रा निकलने लगी. आम तौर पर इस तरह की रैलियों में जिस तरह के नारे लगते हैं वैसे ही नारे लगाये जा रहे थे. मसलन जय श्री राम, वंदेमातरम वगैरह. कहीं कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन यह रैली जैसे ही पत्ती बाजार के पास स्थित जामा मस्जिद पहुंची वहां 500-700 लोगों की भीड़ ने हमला बोल दिया.
चश्मदीदों ने बताया आंखो देखा हाल
चश्मदीदों के मुताबिक मानों वे पहले से तैयारी किये हुए थे और जुलूस के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने रैली निकालने वाले को रोका और नारे लगाने से मना किया. इसके बाद टकराव शुरू हो गया. शुरू में पुलिस मौके पर थी और उसने सबको खदेड़ भी दिया लेकिन पुलिस मौके की नजाकत नहीं समझ पाई. वह छोटी मोटी घटना मानकर तत्काल वहां से चली गई. भीड़ के मन में कुछ और ही चल रहा था.
दूसरे समुदाय को लगा कि उनके इलाके में जुलूस निकालकर उन्हें चुनौती दी गई है. बस क्या था पुलिस के जाने के बाद भीड़ टूट पड़ी, पथराव शुरू कर दिया. महू में भयानक हिंसा भड़क गई. लोग पुलिस को फोन कर मदद मांगते रहे लेकिन डेढ़ दो घंटे तक पुलिस पहुंची ही नहीं. स्थानीय लोग बताते हैं कि इसके पहले यहां पर ऐसे दंगे नहीं हुए थे. छोटे मोटे उपद्रव जरूर हुए थे लेकिन किसी ने कल्पना नहीं की थी ऐसी घटना घटेगी.
पहले से थी सबक सिखाने की तैयारी
दुकानदारों के मुताबिक भीड़ ने खूब पत्थर फेंके. लग रहा था की आज जान नहीं बचेगी. घरों के शीशे चकनाचूर हो गये. बेड रूम में बड़े बड़े पत्थर गिरे जिससे एक दुकानदार राधे कौशल की मां घायल हो गई. घर में घुसने की कोशिश की गई, कपड़े जलाकर फेंके गए, राधे कौशल के घर के नीचे की मेडिकल शॉप और गाड़ियों को जला दिया गया. इस दौरान एक भी पुलिसकर्मी वहां नहीं था. जो थे भी वो भाग खड़े हुए. उन्हीं के जान के लाले पड़ गये थे. भीड़ सिर्फ पत्थरबाजी ही नहीं कर रही थी बल्कि भड़काऊ व आपत्तिजनक नारे भी लगा रही थी. बीच बीच में धमाके की आवाज आ रही थी.
हिंसा के निशां दे रहे रात के मंजर की गवाही
सोमवार सुबह सूर्योदय के बाद हिंसा के निशां रात के मंजर की गवाही दे रहे थे. टूटी खिड़कियां, जली गाड़ियां और बिखरे पत्थर बता रहे थे कि रात में उमद्रवियों ने क्या किया. जब हिंसा भड़की तो उसने आस पास की कालोनियों को भी आगोश में ले लिया. जामा मस्जिद से सटी दूसरी बस्ती बत्तख कालोनी में भी आगजनी और उपद्रव की घटनाएं हुई. एक मौलवी ने हिंसा को भड़काया, वो सवाल पूछ रहा था कि किससे अनुमति लेकर इधर आये.
दूसरा पक्ष बोला जुलूस निकालने वालों ने किया कांड
दूसरा पक्ष कह रहा है कि हिंसा की शुरूआत जुलूस निकालने वालों की तरफ से हुई. भारत की जीत के लिए उन्होंने भी दुआ मांगी थी. इंदौर जिले के इस कस्बे के अलग-अलग इलाकों में हिंसा की छोटी बड़ी पांच घटनाएं हुईं और 3 कारों और दोपहिया वाहनों पर धावा बोलकर उन्हें आग के हवाले कर दिया गया. इसमें कई लोग घायल हो गये हैं. इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक आगजनी और हिंसा में शामिल होने के आरोप में अभी तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस बलों की पर्याप्त तैनाती कर दी गई है. जिन लोगों के घरों पर पत्थरबाजी हुई है वो गुस्से में हैं और बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें-