उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी चुनावी नतीजों को लेकर पहले से सतर्क हो गई है. मालूम हो कि दोनों ही पार्टियां टूट का शिकार हो चुकी हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे और शरद पवार बिल्कुल नहीं चाहते हैं कि परिणाम आने के बाद उनके विधायक इधर-उधर जाने का सोचें.
मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में अब कुछ घंटों में विधानसभा चुनाव के परिणाम आ जाएंगे. जिसके बाद यह साफ हो जाएगा कि राज्य की जनता ने किसे अगले पांच साल सरकार चलाने के लिए चुना है. इस बीच चुनाव परिणाम से पहले महाराष्ट्र की सियासत में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है. बताया जा रहा है कि सत्ताधारी महायुति (NDA) ने किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) के बड़े नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है.
वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी चुनावी नतीजों को लेकर पहले से सतर्क हो गई है. मालूम हो कि दोनों ही पार्टियां टूट का शिकार हो चुकी हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे और शरद पवार बिल्कुल नहीं चाहते हैं कि परिणाम आने के बाद उनके विधायक इधर-उधर जाने का सोचें. उद्धव और शरद की पार्टी का डर जायज भी है क्योंकि खबरें यह भी आ रही हैं कि बीजेपी-शिंदे गुट-अजित गुट ने विरोधी खेमों के नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है.
सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो अगले 72 घंटे महाराष्ट्र की राजनीति में काफी अहम होने वाले हैं. चुनाव परिणाम में अगर किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता तब तोड़-फोड़ फिर से शुरू हो सकती है. इसके अलावा एग्जिट पोल्स में दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में निर्दलीय भी चुनकर आ सकते हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम के बाद उनकी भी पूछ बढ़ सकती है. राज ठाकरे की पार्टी MNS और प्रकाश आंबेडकर की पार्टी VBA के किंग मेकर की भूमिका में आने की भी संभावना जताई गई है.
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