अमृता ने इंस्टाग्राम पर देवेंद्र फडणवीस के सीएम पद की शपथ लेने का वीडियो पोस्ट किया। इसके साथ उन्होंने लिखा, पलट के आई हूँ शाखों पे खुशबुएँ लेकर, ख़िज़ाँ की ज़द का अब ग़म नहीं , मौसमे-बहार मरहमे ख़ुशी लाई है !
देवेंद्र फडणवीस पिछले 10 सालों में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. पहले वह 2014 से लेकर 2019 तक सीएम रह चुके हैं. इसके बाद 2019 में वह कुछ घंटों के लिए मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद अब फडणवीस सीएम बने हैं. इस दौरान 2022 से लेकर 2024 तक वह डिप्टी सीएम के पद पर भी रह चुके हैं.
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के शपथ-ग्रहण समारोह में कई प्रसिद्ध हस्तियां शामिल हुईं। इस मौके पर क्रिकेट जगत के दिग्गज सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजली तेंदुलकर के साथ मौजूद थे.
मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ी बात कह दी. उन्होंने कहा कि अब हमारे रोल बदल गए हैं, लेकिन हमारी सरकार की दिशा नहीं बदलेगी.
देवेंद्र फडणवीस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की और बाद में वे भाजपा के वार्ड संयोजक बने। यहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई, जो आज दो बार मुख्यमंत्री बनने तक पहुंच चुकी है और वे अब तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं
देवेंद्र फडणवीस पिछले 10 सालों में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. पहले वह 2014 से लेकर 2019 तक सीएम रह चुके हैं. इसके बाद 2019 में वह कुछ घंटों के लिए मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद अब फडणवीस सीएम बने हैं.
शपथ ग्रहण के दौरान शिवसेना के एकनाथ शिंदे का चेहरा मायूस दिखाई दिया. ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहे शिंदे अब उप-मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. सीएम की कुर्सी जाने का दुख शिंदे के चेहर पर साफ दिखाई दिया.
आज हम आपको उनके शुरूआती दिनों के बारे में बताते हैं। वह नागपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता गंगाधर राव फडणवीस बीजेपी के एमएलसी थे। वह जनसंघ के सक्रिय सदस्य थे। आपातकाल के दौरान पिता के जेल जाने से उनको तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी से नफरत हो गई थी।
फडणवीस सरकार के शपथ ग्रहण में एनडीए गठबंधन अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाएगा. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करेंगे.
चुनाव परिणाम आने के बाद 10 दिनों तक एकनाथ शिंदे ने पूरी ताकत लगाई कि उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया जाए. इसके लिए शिंदे ने दिल्ली के चक्कर भी लगाए.