एग्जिट पोल्स के आंकड़ों को देखने के बाद निर्दलीय और छोटी पार्टियों ने अपनी सक्रियता कुछ ज्यादा ही बढ़ा दी है. एग्जिट पोल्स का यह भी कहना है कि किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलेगा. जिस भी अलायंस के सरकार में आने की संभावना होगी, उसे निर्दलीय और छोटी पार्टियों का सहारा लेना पड़ेगा.
मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शनिवार को विधानसभा चुनाव की मतगणना होगी. इस दौरान शाम 4 बजे तक स्थिति साफ हो जाएगी कि महाराष्ट्र की जनता ने किस पार्टी या गठबंधन के हक में अपना फैसला सुनाया है. इस बीच नतीजों से पहले राज्य में सियासी हलचल बढ़ गई है. सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव परिणाम के बाद की स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है.
एग्जिट पोल्स के आंकड़ों को देखने के बाद निर्दलीय और छोटी पार्टियों ने अपनी सक्रियता कुछ ज्यादा ही बढ़ा दी है. बता दें कि 20 नवंबर को वोटिंग के बाद न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल्स आए थे. जिसमें कई पोल्स ने दावा किया कि महायुति की सरकार बन सकती है और कई ने महा विकास अघाड़ी की सरकार बनने की बात कही है. वहीं, कई एग्जिट पोल्स का यह भी कहना है कि किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिलेगा. जिस भी अलायंस के सरकार में आने की संभावना होगी, उसे निर्दलीय और छोटी पार्टियों का सहारा लेना पड़ेगा.
छोटी पार्टियों की बात करें तो एग्जिट पोल्स के मुताबिक राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को 4 सीटें मिल सकती हैं. ऐसे में अगर किसी भी गठबंधन को बहुमत नहीं मिला तो मनसे किंग मेकर की भूमिका में आ जाएगी. फिर चाहे वो महायुति हो या फिर महा विकास अघाड़ी, जिसे भी सरकार में आने होगा उसे मनसे का समर्थन लेना पड़ेगा. हालांकि राज ठाकरे चुनाव पूर्व ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका समर्थन भाजपा को रहेगा.
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