मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले दिनों दो ऐसे घटनाक्रम हुए हैं, जिसके बाद अब राज्य में चर्चा तेज हो गई है कि क्या उद्धव ठाकरे अब फिर पाला बदलने वाले हैं? दरअसल, कुछ दिनों पहले उद्धव ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की इस मुलाकात ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
इसके बाद अब एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना ने बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना पर मेहरबान हो गई है। शिंदे गुट ने फैसला किया है कि उनकी पार्टी साल 2022 से पहले के पार्टी फंड का इस्तेमाल नहीं करेगी।
बताया जा रहा है कि साल 2022 तक संयुक्त शिवसेना के पास करीब 200 करोड़ रुपये का फंड था। अब शिंदे गुट ने फैसला किया है कि बगावत से पहले वाले फंड का इस्तेमाल उनकी पार्टी नहीं करेगी। यानी अब शिंदे गुट करीब 200 करोड़ रुपये उद्धव गुट को लौटाने जा रही है।
गौरतलब है कि जून-2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कई बड़े नेताओँ ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और निशान शिंदे गुट को दे दिया। वहीं, उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना अब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम से जानी जाती है।
मालूम हो कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना की बुरी तरह से हार हुई है। पार्टी सिर्फ 20 सीटें ही जीत पाई है। वहीं, शिंदे खेमे वाली शिवसेना को 57 सीटों पर विजय मिली है।
बीजेपी- 132 सीट
शिवसेना (शिंदे गुट)- 57 सीट
एनसीपी (अजित गुट)- 41 सीट
कांग्रेस- 16 सीट
शिवसेना (यूबीटी)- 20 सीट
एनसीपी (शरद गुट)- 10 सीट
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