सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा चल रही है कि महाराष्ट्र की दो बड़ी पार्टियां, जो पिछले वर्षों में टूटी हैं उनके दोनों गुट फिर से एक हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशें भी शुरू हो चुकी हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अब एक बार फिर से सियासी माहौल गरमा गया है। दरअसल, सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा चल रही है कि महाराष्ट्र की दो बड़ी पार्टियां, जो पिछले वर्षों में टूटी हैं उनके दोनों गुट फिर से एक हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि दोनों पार्टियों को एकजुट करने की कोशिशें भी शुरू हो चुकी हैं।
हम जिन पार्टियों के एक होने की बात कर रहे हैं उनका नाम एनसीपी और शिवसेना है। मालूम हो कि शिवसेना में साल 2022 में टूट हुई थी, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना का बहुत बड़ा धड़ा उद्धव ठाकरे से अलग हो गया। इसके बाद राज्य में दो-दो शिवसेना हो गई। एक शिंदे खेमे वाली शिवसेना। वहीं दूसरी उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना (यूबीटी)। अब चर्चा है कि उद्धव ठाकरे गुट बीजेपी नेतृत्व से बात कर फिर से एनडीए में आने की कोशिश कर रहा है।
उधर, एनसीपी अजित गुट और एनसीपी शरद गुट के भी एक होने की चर्चा हो रही है। दावा किया जा रहा है कि एक बहुत बड़ा उद्योगपति एनसीपी के दोनों गुटों को एक करने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा उप-मुख्यमंत्री अजित पवार खुद भी चाहते हैं कि चाचा शरद पवार वाली पार्टी उनके साथ आ जाए और एनसीपी पहले की तरह एक हो जाए। मालूम को 2023 में अजित पवार 40 से ज्यादा विधायकों के साथ चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए थे।
गौरतलब है कि 2024 के आखिरी में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी और शिवसेना के दूसरे धड़े का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था। जहां उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना 90 से ज्यादा सीटें लड़कर सिर्फ 20 सीट जीत पाई थी। वहीं, शरद पवार वाली एनसीपी भी 80 से ज्यादा सीटों पर लड़कर सिर्फ 10 सीटें जीत पाई थी।
वहीं, सत्ताधारी दोनों धड़े की बात करें तो एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने 57 विधानसभा की सीटें जीतीं। इसके अलावा अजित पवार वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की। विधानसभा चुनाव के बाद से ही चर्चा तेज है कि क्या अब एनसीपी और शिवसेना के दोनों धड़े फिर से एक होने की कोशिश करेंगे?
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