चंडीगढ़/नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार शाम से प्रचार-प्रसार थम गया है। कल यानी 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी जबकि 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा ने ताबड़तोड़ रैली और रोड शो किया। इस बार चुनावी मैदान में 1031 उम्मीदवार हैं, जिसमें कई दिग्गज चेहरे हैं। राज्य के […]
चंडीगढ़/नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार शाम से प्रचार-प्रसार थम गया है। कल यानी 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी जबकि 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा ने ताबड़तोड़ रैली और रोड शो किया। इस बार चुनावी मैदान में 1031 उम्मीदवार हैं, जिसमें कई दिग्गज चेहरे हैं। राज्य के 2.03 करोड़ मतदाता कई सियासी दिग्गजों की किस्मत का फैसला करेंगे। सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अभय सिंह चौटाला, दुष्यंत चौटाला जैसे कई बड़े चेहरे पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी। आइये जानते हैं इन हॉट सीटों का हाल-
लाडवा सीट पहले सुस्त थी लेकिन अब हॉट बन चुकी है क्योंकि भाजपा ने यहां से सीएम नायब सैनी को लड़ाने का फैसला किया। नायब सैनी का मुकाबला मौजूदा विधायक और कांग्रेस नेता मेवा सिंह से है। मेवा सिंह ने 2019 चुनाव में भाजपा के पवन सैनी 12637 मतों से हराया था। यहां पर भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिलेगी।
यहां से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने बीजेपी ने जिला परिषद अध्यक्ष मंजू हुड्डा को टिकट दिया है। 2019 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा उम्मीदवार सतीश नांदल को 58312 मतों से हराया था। हुड्डा यहां से 5 बार जीत चुके हैं। 1968 में किलोई सीट से भूपेंद्र के पिता रणवीर सिंह हुड्डा भी चुनाव जीते थे। यह क्षेत्र हुड्डा का वर्चस्व वाला है। यहां पर कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में है।
जींद जिले की उचाना कलां सीट सूबे की हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जाती है। पिछले चुनाव के किंग मेकर रहे दुष्यंत चौटाला यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 में जजपा से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी के प्रेम लता को 47452 मतों से शिकस्त दी थी। इस बार दुष्यंत के सामने कांग्रेस से पूर्व सांसद बृजेन्द्र सिंह और बीजेपी से देवेंद्र चतर्भुज अत्री हैं।
यहां से देश के पूर्व डिप्टी पीएम देवी लाल के पोते अभय सिंह चौटाला ताल ठोक रहे हैं। सिरसा जिले में पड़ने वाले इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने अमीर चंद तलवारा और कांग्रेस ने भरत सिंह बेनीवाल को उतारा है। 2019 में इनेलो के अभय सिंह चौटाला ने भाजपा के पवन बेनीवाल को 11922 मतों से हराया था।
अभय सिंह को बीजेपी उम्मीदवार ने कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि एमएसपी को लेकर हुए किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए अभय सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया और लगभग दो साल बाद यानी 2021 में हुए चुनाव में वह महज 6700 वोटों से ही जीत पाये. उन्होंने बीजेपी के गोविंद कांडा को हराया था जबकि कांग्रेस के पवन बेनीवाल तीसरे नंबर पर चले गये थे. इस चुनाव में भी उनके सामने चुनौती है.
अंबाला कैंट विधानसभा सीट की गिनती भी हॉट सीटों में होती है। यहां से भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व गृह मंत्री अनिल विज मैदान में हैं। इस सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा हो। कांग्रेस से पूर्व पार्षद परविंद्र सिंह परी उम्मीदवार हैं तो वहीं पार्टी की एक अन्य नेता चित्रा सरवारा बगावत करके निर्दलीय लड़ रही हैं।
2019 में अनिल विज ने चित्रा सरवारा को 20,165 मतों से शिकस्त दी थी। चित्रा पिछली बार भी कांग्रेस से बगावत करके निर्दलीय मैदान में थीं। निर्दलीय चुनाव लड़ने पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है. पिछले चुनाव में उन्होंने लगभग 45 हजार वोट हासिल की थी. चित्रा के पिता निर्मल सिंह अंबाला से पिछली बार निर्दलीय लड़े थे लेकिन इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और भाजपा के असीम गोयल की हैट्रिक रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए हैं.
हिसार विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल है क्योंकि यहां से देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल मैदान में हैं। यह सीट जिंदल परिवार की प्रभाव वाली मानी जाती है। ओपी जिंदल खुद 3 बार यहां से जीत चुके हैं जबकि दो बार सावित्री जिंदल जीत चुकी हैं। इस बार सावित्री के सामने भाजपा से दो बार के विधायक और मंत्री कमल गुप्ता व कांग्रेस से रामनिवास राड़ा हैं। इस सीट पर भी मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है।
सिरसा जिले की रानिया सीट से पूर्व डिप्टी पीएम देवी लाल के बेटे रणजीत चौटाला निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वो बीजेपी से टिकट चाह रहे थे लेकिन उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इनेलो ने यहां से देवीलाल के पड़पोते व अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला को उतारा है। वहीं बीजेपी की तरफ से शीशपाल कंबोज और कांग्रेस से सर्व मित्र कंबोज मैदान में हैं। 2019 चुनाव में रणजीत चौटाला ने यहां से निर्दलीय जीत हासिल की थी। उन्होंने लोकहित पार्टी के गोबिंद कांडा को 19431 वोटों से हराया था।
कैथल सीट पर इस बार जबरदस्त जंग देखने को मिलेगी। यहां से सुरजेवाला परिवार की तीसरी पीढ़ी यानी राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य कांग्रेस से चुनावी अखाड़े में हैं। उनके सामने बीजेपी ने लीलाराम गुर्जर को उतारा है। 2019 के चुनाव में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला बीजेपी उम्मीदवार लीलाराम गुर्जर से 1246 वोट से हार गए थे। इस बार आदित्य सुरजेवाला के सामने जीत हासिल करने के साथ साथ पिता रणदीप सुरजेवाला को पटकनी देने वाले लीलाराम से हिसाब चुकता करना है. रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के बड़े नेता हैं और भूपेंद्र हुड्डा के विरोधी और सीएम पद के दावेदार माने जाते हैं. वह कई चुनाव हार चुके हैं इसलिए पूरा दारोमदार आदित्य सुरजेवाला पर है.
तोशाम सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है। कांग्रेस ने यहां से अनिरुद्ध चौधरी को उनकी चचेरी बहन श्रुति चौधरी के खिलाफ खड़ा कर दिया है। अनिरुद्ध और श्रुति दोनों 48 साल के हैं। इस सीट पर अब हरियाणा के पूर्व सीएम बंसीलाल के पोते-पोतियों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। कुछ समय पहले ही श्रुति चौधरी ने अपनी मां किरण चौधरी के साथ भाजपा ज्वाइन की थी। अनिरुद्ध के चुनाव लड़ने के बाद इस सीट पर बंशीलाल की विरासत को लेकर जंग हो रही है.
हरियाणा चुनाव में एक और अन्य सीट पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी वो जुलाना सीट है। यहां से पहलवान विनेश फोगाट कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ रही हैं। विनेश के सामने बीजेपी से कैप्टन योगेश बैरागी हैं। आम आदमी पार्टी ने WWE पहलवान कविता दलाल को टिकट दिया है। जुलाना से 2019 चुनाव में जननायक जनता पार्टी के अमरजीत ढांडा ने भाजपा के परमिंदर सिंह ढुल को 24193 वोटों से हराया था। जब विनेश फोगाट ने ताल ठोकी थी तब माहौल कुछ ऐसा बना कि पूरे हरियाणा में उनके कांग्रेस में आने का असर होगा लेकिन चुनाव क्षेत्र में जाने पर साफ पता चल रहा है कि वह खुद त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हुई हैं.
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